मध्यप्रदेश

Ravan Temple In India : भारत के इस गांव में आज भी की जाती है रावण की पूजा, यहां स्थित है त्रेतायुग के समय की रावण मूर्ति

Ravan Temple In India : भारत के इस गांव में आज भी की जाती है रावण की पूजा, यहां स्थित है त्रेतायुग के समय की रावण मूर्ति
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Ravan Temple In India : भारत के इस गांव में रावण की पूजा करने की प्रथा त्रेतायुग से चली आ रही है।

Ravan Ki Puja kahan Hoti Hai : भारत देश भगवान राम की भूमि है, और जहां भी उनके चरण पड़े वहीं एक धाम बन गया, लेकिन जिस राक्षस राज रावण को श्रीराम ने मृत्युदंड दिया था, उनकी पूजा भारत एक गाँव में होती है, और यहां पर सैकड़ों वर्ष पुरानी रावण मंदिर है जिसमें रावण की एक प्राचीन मूर्ति स्थापित है, जो आज भी पूजी जाती है। लेकिन क्यों इसके पीछे की कहानी काफी ज्यादा रोचक है, जो की इस गांव से जुड़ी हुई है, जहां पर महापंडित रावण का मंदिर विद्यमान है.

भारत में रावण की पूजा किस गांव में होती है? (Bharat Ke Kis Gaanv Ravan Ki Puja Hoti Hai?)

मध्यप्रदेश के विदिशा से महज 35 किलोमीटर की दूरी पर नटेरन तहसील में रावण का मंदिर स्थित है और इस गाँव को रावण गांव के नाम से जाना जाता है। जहां लोग उनकी पूजा करते हैं, यहां रावण को बाबा कहा जाता है, और गाँव की विवाहित स्त्रियां मंदिर के सामने से जब भी निकलती हैं, तो हमेशा सर ढंक लेती हैं। और जब भी गाँव में कोई भी शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले बाबा रावण को ही निमंत्रण दिया जाता है।

कितने साल पुरानी है मूर्ति? (Ravan Ka Mandir Kahan Hai)

इस गाँव में स्थित रावण की मूर्ति कितने वर्ष पुरानी है? इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन गांववालों के बताये अनुसार यह मंदिर फिर सैकड़ों वर्ष पुरानी है. ऐसा माना जाता है रावण की यह मूर्ति त्रेतायुग से ही यहां पर स्थित है।

रावण की पूजा क्यों होती है? (Ravan Ki Puja Kyun Hoti Hai?)

इस मंदिर के यहां होने की घटना के पीछे एक पौराणिक कहानी इस गाँव में प्रचलित है, जिसके अनुसार- त्रेतायुग में गाँव के रावण बाबा के मंदिर के उत्तर दिशा में 3 किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ी राक्षस का निवास था।

वह रावण की वीरता और बुद्धिमता की गाथा सुनकर रावण से युद्ध करने लंका जाता था। लेकिन रावण को देखकर उसका मन शांत हो जाता था, यह सब देखकर रावण ने पूछा- की तुम बार बार लंका किस कारण से आते हो और बिना कुछ बताये ही चले जाते हो, आखिर इतनी दूर से हर बार आकर क्यों लौट जाते हो, तो राक्षस ने जवाब दिया की- महाराज मै आपसे युद्ध करने की इच्छा लेकर आता हूँ लेकिन हर बार जब आपको देखता हूँ तो मेरा मन और क्रोध दोनों ही शांत हो जाते हैं.

इसपर रावण ने राक्षस को सुझाव दिया की तुम मेरी वहीं एक प्रतिमूर्ति बना लो, और जब भी तुम्हारी मुझसे लड़ने की अभिलाषा उत्पन्न हो तो मूर्ति से ही युद्ध कर लेना। जिसके बाद से उस राक्षस ने इस गांव आकर रावण मूर्ति बनाई थी।

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