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रीवा में गरजे किसान नेता राकेश टिकैत, कहा- वक्त रहते जाग जाए नही तो होगा देश का ये हाल...

रीवा में गरजे किसान नेता राकेश टिकैत, कहा- वक्त रहते जाग जाए नही तो होगा देश का ये हाल...
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रीवा। जिस तरह से देश के हालात बने हुए हैं उसका विरोध देश का नौजवान, किसान, कर्मचारी तथा आम आदमी अगर नहीं करेगा तो आने वाले समय में बीएसएनएल, बैंक और रेलवे की तरह एक दिन वर्तमान सरकार देश को भी पूंजी-पतियों के हाथ गिरवी कर देगी। यह बातें संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी राकेश टिकैत ने कही है। 

रीवा। जिस तरह से देश के हालात बने हुए हैं उसका विरोध देश का नौजवान, किसान, कर्मचारी तथा आम आदमी अगर नहीं करेगा तो आने वाले समय में बीएसएनएल, बैंक और रेलवे की तरह एक दिन वर्तमान सरकार देश को भी पूंजी-पतियों के हाथ गिरवी कर देगी। यह बातें संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी राकेश टिकैत ने कही है।

वे रीवा के करहिया मण्डी में चल रहे आन्दोलन के 71 वें दिन शामिल हुए और किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि विपक्ष मौन साधे हुए है, नौजवान भी शांत हो गया तो स्थिति बिगड़ जाएगी। आज बीएसएनएल बिका, बैंक बिका, एयरपोर्ट बिक गए, रेलवे भी बिक रहा है। तो वहीं सरकार तीन कृषि कानून लाकर किसानों की जमीन को भी पूंजी-पतियों के हाथ करने की तैयारी कर ली है। लेकिन किसान, नौजवान और देश के लोग कमजोर नहीं। यह वर्ष आन्दोलन का वर्ष है। सभी आगे आकर सरकार की गलत नीति का विरोध करें।

संसद भवन और कलेक्ट्रेट में अनाज करें बिक्री

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कृषि कानून के माध्यम से कहती है कि किसान कहीं भी फसल बेंच सकता है। उनकी मांग है कि किसान कलेक्टर के ऑफिस में जाकर अपना अनाज बिक्री करने के लिए बैठे। सरकार ने बात न मानी तो वे स्वयं सांसद भवन के बाहर अनाज बिक्री करने के लिए लेकर बैठेंगे।

विधायक और सांसदों की भी बंद हो पेंशन

किसान नेता श्री टिकैत ने कहा कि सरकार पुलिस कर्मियों सहित कर्मचारियों का पेंशन बंद कर रही है। लेकिन यह पेंशन तभी बंद होगा जब संसद और विधायक का भी पेंशन बंद किया जाएगा। 6 महीने के लिए सांसद और विधायक बनने के बाद उम्र भर पेंशन के वे हकदार हो जाते हैं, लेकिन 60 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारी का पेंशन बंद करने की बात सरकार कह रही है। यह किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं है और इसके लिए देश के एक-एक नौजवान, किसान, कर्मचारियों को मिलकर आवाज उठाते हुए काम करना पड़ेगा।

रीवा से है रिश्ता

किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि रीवा राज्य से उनका रिश्ता है। यह जानकारी उन्हें तब हुई जब एक राष्ट्रीय न्यूज अखबार में खबर छपी और उसको पढ़ने के बाद उन्होंने अध्ययन किया तब रिश्ते की जानकारी हुई।

कलम पर सरकार की नजर

राकेश टिकैत ने कहा कि आने वाले समय में कलम पर भी सरकार की नजर रहेगी। जिसके लिए सरकार ने तैयारी कर ली हैं। स्वतंत्रता के साथ खबरें नहीं छपेगी। बल्कि पहले सरकार खबरो को छानेगी और सरकार के तय किए जाने के बाद ही खबरे छपेगी। उनका कहना था कि हर क्षेत्र में सरकार या तो निजीकरण करना चाहती है या फिर सरकार का दवाब।

दो आकाओं पर चल रही सरकार

किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए मजदूर यूनियन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभासिनी अली ने कहा कि देश की सरकार को दो आका चला रहे हैं। किसान मंत्री तोमर जब भी किसानों के बीच बात करने पहुंचते हैं तो वे दो नेताओं से राय-मशविरा करने की बात कहते हैं। यानी कि नरेन्द्र मोदी एवं अमित शाह। तो वहीं ये दो नेता अपने आकाओ से राय लेने की बात कहते है यानी कि अडानी एवं अम्बानी। जिससे तय है कि सरकार यही दो आका चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को एक मामा चला रहे हैं। मामा का इतिहास सभी जानते हैं।

इन्होंने ने भी रखी बात

किसान महापंचायत को किसान नेता व कुल हिंद किसान सभा पंजाब के महासचिव मेजर सिंह पुन्नेवाल, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा एवं उपाध्यक्ष चौधरी बलराम सिंह लंबरदार एवं महासचिव विक्रम सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अरविंद श्रीवास्तव, किसान नेता डॉ सुनीलम ने जंहा सम्बोधित किया वही संयुक्त किसान मोर्चा के जिला संयोजक शिव सिंह ने दिनों से चल रहे किसान आंदोलन की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान रीवा संभाग के किसान नेता एवं हजारो की सख्या में किसान, मजदूर मौजूद रहे।

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