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MP की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के गांजा तस्कर भाई की गिरफ्तारी पर सियासत तेज, प्रभारी मंत्री प्रह्लाद पटेल बोले—कानून से ऊपर कोई नहीं

- गांजा तस्करी के मामले में राज्यमंत्री के भाई की गिरफ्तारी
- 46 किलो गांजा बरामद, बाजार कीमत 9 लाख से ज्यादा
- रीवा दौरे पर प्रभारी मंत्री को मीडिया ने घेरा
- एनडीपीएस एक्ट के तहत FIR, 19 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत
मामले के सामने आते ही तेज हुई मध्यप्रदेश की सियासत
मध्यप्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के भाई की गिरफ्तारी की खबर सामने आई। मामला गांजा तस्करी से जुड़ा है, जिसमें पुलिस ने बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया है। इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाज़ी तेज हो गई है और विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है।
रीवा प्रवास के दौरान प्रभारी मंत्री से तीखे सवाल
रीवा दौरे पर पहुंचे प्रभारी मंत्री प्रह्लाद पटेल को मीडिया और विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर घेर लिया। शुरुआत में मंत्री इस संवेदनशील विषय पर बोलने से बचते नजर आए। उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम पर राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी पहले ही अपना पक्ष रख चुकी हैं।
हालांकि, लगातार पूछे गए सवालों के बाद प्रभारी मंत्री ने सरकार का स्पष्ट और सख्त रुख सामने रखा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होता।
मंत्री का बयान – कानून सबके लिए समान
प्रभारी मंत्री ने कहा कि सरकार ने पुलिस और प्रशासन को साफ निर्देश दिए हैं कि कानून का पालन पूरी निष्पक्षता के साथ किया जाए। यदि जांच में कोई भी व्यक्ति दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी, चाहे वह किसी भी पद, पार्टी या परिवार से जुड़ा हो।
कैसे हुआ अनिल बागरी का खुलासा?
पुलिस के अनुसार, राज्यमंत्री के भाई अनिल बागरी को सतना पुलिस ने 46 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया। जब्त किए गए गांजे की बाजार कीमत करीब 9 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कोई एकल घटना नहीं, बल्कि संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है।
नेटवर्क में शामिल अन्य नाम भी आए सामने
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि अनिल बागरी अपने सहयोगी पंकज सिंह और बहनोई शैलेंद्र सिंह के साथ मिलकर नशे की तस्करी का नेटवर्क चला रहा था। इससे पहले 3 दिसंबर को शैलेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इसी तरह के मामले में गिरफ्तार किया था।
NDPS Act के तहत कड़ी कार्रवाई
इस पूरे मामले में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों को 19 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जरूरत पड़ने पर और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
विपक्ष का हमला – इस्तीफे की मांग
इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस नेताओं ने इसे नैतिकता से जुड़ा मामला बताते हुए राज्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इतने गंभीर मामले के बाद भी यदि राजनीतिक जिम्मेदारी तय नहीं होती, तो यह जनता के विश्वास के साथ धोखा है।
भाजपा का जवाब – संरक्षण नहीं मिलेगा
वहीं सत्ताधारी पार्टी की ओर से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि किसी को भी संरक्षण नहीं दिया जाएगा। पार्टी नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।
जांच जारी, राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
फिलहाल पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है और पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी जारी है। आने वाले दिनों में जांच के नतीजे तय करेंगे कि यह मामला सिर्फ अपराध तक सीमित रहता है या राजनीतिक स्तर पर और बड़ा रूप लेता है।
FAQs
राज्यमंत्री के भाई की गिरफ्तारी क्यों हुई?
उनकी गिरफ्तारी गांजा तस्करी के मामले में हुई है, जिसमें बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया गया।
क्या सरकार ने कोई विशेष निर्देश दिए हैं?
सरकार ने पुलिस और प्रशासन को निष्पक्ष कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।
विपक्ष की मुख्य मांग क्या है?
विपक्ष इस मामले में नैतिक जिम्मेदारी तय करते हुए इस्तीफे की मांग कर रहा है।
Rewa Riyasat News
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