रीवा

तस्वीर जो पूरे विंध्य को शर्मसार करती है! बेशर्म लोगों ने My Rewa सेल्फी पॉइंट को मूत्रालय बना दिया, नगर निगम को फर्क तक नहीं पड़ता

तस्वीर जो पूरे विंध्य को शर्मसार करती है! बेशर्म लोगों ने My Rewa सेल्फी पॉइंट को मूत्रालय बना दिया, नगर निगम को फर्क तक नहीं पड़ता
x
रीवा... एक जगह का नाम ही नहीं, इस नाम से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं. पर जब उसी को लोग गंदा करते हैं तो मन व्यथित हो जाता है यह देखकर कि ये अपने लोग ही हैं.

रीवा... एक जगह का नाम ही नहीं, इस नाम से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं. पर जब उसी को लोग गंदा करते हैं तो मन व्यथित हो जाता है यह देखकर कि ये अपने लोग ही हैं. रीवा शहर के कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम के सामने एक सेल्फी पॉइंट बनाया गया है. जिस पर लोग मूत्र विसर्जन करते हुए दिख रहें हैं. आश्चर्यजनक बात तो यह है कि नगर निगम को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

शर्मसार कर रही तस्वीर

रीवा शहर के सिरमौर चौराहा और कॉलेज चौराहा के बीच कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम के सामने एक सेल्फी पॉइंट बनाया गया है. जिसमें बेहद खूबसूरत 'My Rewa' का बोर्ड लगाया गया है. बहुत से लोग हैं जो यहाँ पर सेल्फी लेते हैं और अपने जन्मभूमि, कर्मभूमि के प्रति प्रेम जाहिर करते हुए उसे सोशल मीडिया में अपलोड करते हैं. लेकिन अब ऐसी तस्वीर हमारे इस खूबसूरत शहर को शर्मसार कर रही है. शहर के दैनिक जागरण अखबार में यह फोटो छपी है. जिसमें सेल्फी पॉइंट के समीप लोग मूत्र विसर्जन करते नजर आ रहें हैं.

स्वच्छता का बोर्ड लगाकर नगर निगम भूला

ऐसे लोग तो हैं ही बेशर्म जो ऐसे स्थान पर मूत्र विसर्जन कर रहें हैं. इनसे भी बड़ा बेशर्म नगर निगम प्रशासन है. जो स्वच्छता अभियान का स्लोगन लिखवाकर स्वच्छता की मिशाल पेश करना चाहता है और रीवा को स्वच्छता में नंबर एक बनाना चाहता है. हालात यह है कि नगर निगम शुरुआत कराने के बाद उस संपत्ति के रखरखाव, सफाई एवं सुरक्षा आदि से इतिश्री कर लेता है.

आज यह समाचार और इस फोटो को लगाते हुए मुझे बेहद दुःख और शर्म आ रही है कि हमारा शहर तो बहुत प्यारा है पर कतिपय लोग इसे बदनाम करने और इसे गन्दा करने में ज़रा सा भी नहीं चूकते और उनसे भी बड़ा धूर्त वह प्रशासनिक अमला है जो अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रहा है.

शौचालय तो हैं, पर लोगों को पता ही नहीं

रीवा में कतिपय लोगों की सोच भी बड़ी गजब की है. हमारा शहर है हम तो गंदगी करेंगे, हमें फर्क नहीं पड़ता. सिरमौर चौराहे में सुलभ शौचालय बने हुए हैं. पर निगम उसका प्रचार प्रसार नहीं कर पाता है. वहीं शौचालय में भी बेहद गंदगी देखी जा सकती है. ऊपर से लोग कहीं भी खुले में मलमूत्र कर देते हैं, इस पर न कार्रवाई होती है और न ही जुर्माना.

इंदौर से एक फीसद तो सीख ले प्रशासन और जनता

हम अक्सर ख़ुशी मनाते हैं कि हमारे एमपी का शहर इंदौर स्वच्छता में पहले नंबर पर पिछले कुछ सालों से लगातार आ रहा है. लेकिन न हम और न ही रीवा का जिला एवं नगर निगम प्रशासन इंदौर शहर से एक फीसदी भी सीख ले रहें है. इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर बनाने में इंदौर प्रशासन के साथ वहां की जनता का भी बहुत बड़ा योगदान है.

इंदौर की जनता, व्यवसायी न खुद गंदगी करते हैं और न ही किसी को करने देते हैं. वहीं अगर ऐसा करते कोई मिलता है तो नगर निगम द्वारा उस पर जुर्माना लगाया जाता है. जिसके डर से भी लोग यह गलती नहीं करते. परन्तु रीवा में ऐसा कुछ भी नहीं है. रीवा में जुर्माना लगाना तो दूर हम खुद जब चाहे वहां कचरा फेंक देते हैं. खुद भी गंदगी करते हैं और दूसरों को करने से मना भी नहीं करते. रही बात जुर्माने की तो रीवा में रहने वाला हर शख्स किसी न किसी नेताजी, अफसर का भतीजा, बेटा और रिश्तेदार बन जाता है.

इस आर्टिकल पर अपनी राय नीचे 'कमेंट बॉक्स' में अवश्य दें...

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

Next Story