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रीवा में विद्युत कंपनी के निजीकरण का विरोध, हड़ताल पर अधिकारी-कर्मचारी

MP Rewa News: बिजली कंपनी के निजीकरण (Electricity Company Privatization) का विरोध शुरू हो गया है। निजीकरण के विरोध में जिले में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी सोमवार को कार्य का बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर रहे। इस हड़ताल में मुख्य अभियंता रीवा क्षेत्र अधीक्षण अभियंता रीवा वृत्त व वृत्त के सभी कार्यपालन अभियंता, सहायक अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता के साथ ही समस्त तकनीकि कर्मचारी व कार्यकालीन कर्मचारी शामिल रहे।
हड़ताल पर गए अधिकारी कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार को विद्युत सुधार अधिनियम 2022 सोमवार को पारित होने जा रहा है। इससे विद्युत कंपनियां निजी हाथों में चली जाएँगी, ऐसा होने पर कंपनी में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों का हित प्रभावित होगा। सबसे बड़ा नुकसान तो उपभोक्ताओं को होगा। उपभोक्ताओं को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएगी, महंगे दर पर निजी कंपनियों से बिजली उपभोक्ताओं को खरीदनी पडे़गी। जिससे उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान उठाना पडे़गा। इसी के विरोध में पूरे देश की विद्युत कंपनियां की तरह ही मप्र में भी सभी पांचो कंपनियों के अधिकारी एवं कर्मचारी सोमवार को एक दिवसीय हड़ताल (Strike) कर रहे हैं। इसी कड़ी में अमहिया रीवा गल्ला मण्डी पावर हाउस में सभी संगठनों के कर्मचारी एवं अधिकारी हड़ताल पर रहे।
इनका रहा समर्थन
हड़ताल का समर्थन करने वाले संगठनों में युनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्प्लाइज एवं इंजीनियर्स, मप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन, मप्र तकनीकि कर्मचारी संघ और मप्र जनता यूनियन शामिल है। गौरतलब है कि बिजली के निजीकरण के लिए संसद में सोमवार को इलेक्ट्रिसिटी अमेडमेंट बिल 2022 रखा जा रहा है। प्रस्ताव पारित होने के बाद विद्युत कंपनी की लगाम निजी हाथो में चली जाएगी।




