रीवा

रीवा में माहौल बेचने वाली दाई, पुलिस के हाथ आई

रीवा में माहौल बेचने वाली दाई, पुलिस के हाथ आई
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Rewa: रीवा जिला सफ़ेद बाघ के बाद महोलियों के लिए दुनिया भर में ख्याति बटोर रहा है

Rewa: एमपी के रीवा जिले में पुलिस ने 65 वर्षीय वृद्ध महिला को नशीली सिरप बेचने के आरोप में पकड़ा है. "मतलब माहौल बेचने वाली दाई पुलिस के हाथ आई" वृद्ध महिला के पास और कोई काम नहीं था इसी लिए वो लोगों घर उजाड़ने वाली कोडीन युक्त कफ सिरप बेचकर अपना घर चलाती थी. महिला का नाम उदसिया पटेल है और वह रीवा सिटी के संजय नगर में रहती है.

"मध्य प्रदेश का रीवा जिला 2 चीज़ों के लिए भयंकर फेमस है पहला 'मोहन' मतलब सफ़ेद बाघ और दूसरा 'माहौली' मतलब नशीली सिरप पीने वाले कॉरेक्सी, यहां गली-गली में नशीली सिरप बिकती है और बच्चों से लेकर बूढ़े इसे ऐसे पीते हैं जैसे फ्रूटी। पुलिस ने जैसे शुक्रवार को 11 कोरेक्स बेचने वाली दाई को पकड़ा है वैसे महीने दो महीने में ऐसी छुट-पुट कार्रवाई करती रहती है. लेकिन ससुरा आज तक कोई ये पता नहीं कर पाया कि इसे बनाता कौन है? रीवा पुलिस कभी नशीली सिरप बनाने वाले सरगना तक नहीं पहुंची या कह लें की पहुंचना नहीं चाहती।"

नोट- माहौल नाम किस महापुरुष ने दिया है उसका आज तक पता नहीं चल पाया है , बाकी पीने वाले गली-गली घूमते दिख जाते हैं

दाई के पास से 11 शीशी माहौल मिला है

पकड़ी गई वृद्धा उदसिया पटेल, संजय नगर की रहने वाली है. पुलिस ने दाई से 11 शीशी कफ सिरप जब्त की है। जब्त कफ सिरप की कीमत 1320 रूपए बताई गई है। पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि वृद्धा संजय नगर के समीप अवैध तरीके से कफ सिरप बेचने का काम कर रही है। सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वृद्धा को पकड़ लिया। वृद्धा के पास मौजूद झोले की जब तलाशी ली गई, तो पुलिस को उसमें से 11 कफ सिरप मिली। आरोपी वृद्धा के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। वृद्धा को पुलिस द्वारा पकड़ कर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से न्यायालय के आदेश के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।

फैक्ट- जितनी बोतल पुलिस ने दाई के पास से पड़की है उतनी बोतल एक प्रो-कोरेक्सी आदमी एक दिन में ख़तम कर देता है और डकार भी नहीं मारता।

नशा माफिया तक क्यों नहीं पहुंचते पुलिस के लम्बे हाथ?

एक डायलॉग बड़ा फेमस है 'पुलिस के हाथ बहुत लम्बे होते हैं' लेकिन ये लम्बे हाथ कभी नशीली सिरप बेचने वाले माफिया तक क्यों नहीं पहुंचते, पुलिस ने दाई को पकड़ा, अच्छी बात है, मतलब कबीले तारीफ काम है. लेकिन बाबा को कब पकड़ेगी? कहने का मतलब है कि कोरेक्स जैसे मीठे जहर से 15-16 साल के बंदे मर रहे हैं. हर कोई भंड होकर अपनी जिंदगी झंड कर रहा है तो इसे पूरी तरह बैन क्यों नहीं किया जाता? आखिर बड़े पैमाने में रीवा इम्पोर्ट होने वाली कोरेक्स की खेप क्यों नहीं पकड़ी जाती।


Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

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