रीवा

हैलीकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं: रीवा के इस गांव के लोगों ने की अनोखी मांग

Collector office Rewa
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रीवा जिले के नेवरिया गांव के लोगों ने आजादी के 75 साल बाद भी सड़क नहीं देखी. ग्रामीण साथ होकर बोलें 'हैलोकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं'.

हैलीकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं: रीवा में एक गांव ऐसा भी है जहां आजादी के 75 साल भी ग्रामीण सड़क के लिए तरस रहें हैं. चुनावी वादों पर अब उन्हें भरोसा भी नहीं रह गया है. इसलिए पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav 2022) से पहले ग्रामीणों ने निर्वाचन आयोग से शिकायत की है मतदान केंद्र बदलें या फिर हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराएं. ग्रामीणों ने साफ़ तौर पर कहा है कि हैलीकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं!

मामला रीवा जिले के गंगेव जनपद की सेंदहा ग्राम पंचायत अंतर्गत नेवरिया गांव का है. यहां आज तक सड़क नहीं बन पाई, जिसकी वजह से ग्रामीणों में काफी रोष देखा जा रहा है. हर बार के मीठे चुनावी वादों पर लालच में वे वोट तो दे देते हैं, लेकिन सड़क बन जाना अब उनके लिए एक सपना ही रह गया है. ग्रामीणों ने निर्वाचन आयोग से अनोखी मांग की है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से कहा है कि हैलीकॉप्टर नहीं तो वोट नहीं.

दरअसल, जिला मुख्यालय में बैठे जिम्मेदार बारिश के मौसम में हो रहे पंचायत चुनाव का पोलिंग बूथ नेवरिया गांव में बना दिया है. ऐसे में ग्रामीण परेशान हैं कि जब सड़क ही नहीं है तो वोट देने कैसे जाएं. इसके बाद उन्होंने निर्वाचन आयोग से शिकायत में कहा है कि अभी समय रहते मतदान केन्द्र बदल दिया जाए. क्योंकि हल्की सी बारिश में ही गांव का संपर्क टूट जाता है. जिसके बाद मतदान दल पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंच पाएगा. नतीजन आम मतदाता वोट करने से वंचित हो जाएंगे अन्यथा ग्रामीणों को वोट दिलवाने की व्यवस्थानुरूप हैलीकॉप्टर का बंदोबस्त करें.

आरटीआई कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी (Shivanand Dwivedi) ने बताया गया कि ग्राम पंचायत सेंदहा में 1328 मतदाता है. जिसमें पुरुष वोटर 711 और महिला वोटर 617 है. इस पंचायत में सेदहा गांव, नेवरिया गांव, नेवरिया लोहरा गांव, भमरिया गांव और बडिऔर गांव शामिल है. आरोप है कि नेवरिया गांव बरसात के समय 3 से 4 महीने तक मुख्य मार्ग से कटा रहता है. जरूरी कार्य आने पर लोग खेत की मेड़ व बहरा (नरवा) उतर कर जाते है.

सेंदहा से हटाकर नेवरिया बनाया मतदान केंद्र

ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यालय में लगे एसी में बैठे अधिकारी कभी धरातल पर आकर नहीं देखते हैं कि समस्या क्या है. उन्होंने बिना सोचे समझे ही ऐसी जगह मतदान केंद्र बना दिया, जहां बारिश में पहुंच पाना लगभग नामुमकिन है. पहले मतदान केंद्र सेंदहा हुआ करता था लेकिन 1990 के दशक के चुनाव में पंचायत प्रत्याशियों ने खेल कर नेवरिया गांव ले गए. मतदान केंद्र बदलवा पाने में नेवरिया के प्रत्याशी सफल हुए लेकिन अपने गांव की सड़क बनवा पाने में सफल नहीं हो पाएं.

समाधान निकालें, जिससे मतदान से वंचित न हो पाएं

सेंदहा गांव के लोगों की निर्वाचन आयोग से मांग है कि निर्वाचन आयोग उनकी शिकायत को संज्ञान में ले. अभी वक्त है समाधान निकल सकता है. ऐसे में सेदहा मतदान केन्द्र बनाकर समस्या का हल निकाला जा सकता है. क्योंकि सेदहा और भमरिया गांव एक जगह वोट कर लेंगे. वहीं दूसरी तरफ लोहरा और नेवरिया गांव के लोग वर्तमान पोलिंग बूथ का उपयोग कर सकते है. अगर ऐसा होता है तो वे मतदान से वंचित नहीं हो पाएंगे. ग्रामीणों ने कहा कि मनगवां एसडीएम एके सिंह गलती का परिणाम आम जनता भुगत रहीं है.

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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