रीवा

काम कैसा भी हो हर जगह फिट है Rewa के ये अधिकारी, सुबह से लेकर शाम तक मशीनरी की तरह दौड़ते है, आसानी से कही भी मिल जाते है

काम कैसा भी हो हर जगह फिट है Rewa के ये अधिकारी, सुबह से लेकर शाम तक मशीनरी की तरह दौड़ते है, आसानी से कही भी मिल जाते है
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काम कैसा भी हो हर जगह फिट है Rewa के ये अधिकारी, सुबह से लेकर शाम तक मशीनरी की तरह दौड़ते है...रीवा। रीवा में राजस्व विभाग में एक अधिकारी ऐसा भी है, जो हर जिमेदारी बखूबी निभाते हैं। काम और जिमेदारियों से पीछे नहीं भागते। सुबह से शाम तक यह दौड़ते ही मिलेंगे। वरिष्ठ भी इन्हें इसी वजह से पसंद करते हैं। रीवा में इस समय कोई दौड़ते भागते और काम करते दिख रहा है तो वह यही है।

काम कैसा भी हो हर जगह फिट है Rewa के ये अधिकारी, सुबह से लेकर शाम तक मशीनरी की तरह दौड़ते है

रीवा। रीवा में राजस्व विभाग में एक अधिकारी ऐसा भी है, जो हर जिमेदारी बखूबी निभाते हैं। काम और जिमेदारियों से पीछे नहीं भागते। सुबह से शाम तक यह दौड़ते ही मिलेंगे। वरिष्ठ भी इन्हें इसी वजह से पसंद करते हैं। रीवा में इस समय कोई दौड़ते भागते और काम करते दिख रहा है तो वह यही है।

दरअसल हम बात कर रहे हैं नायब तहसीलदार यतीश शुक्ल की। यह हरफनमौला अधिकारी कहीं भी आसानी से मिल जाएंगे। अधिकारी हर काम के लिए इन्हें ही फिट मानते हैं। अतिक्रमण हटाना हो या फिर संस्थान, मकान सीज करना हो। इन्हीं को दौड़ाते हैं। अधिकारियों के भरोसे पर यतीश खरे भी उतरते हैं। इन्होंने कोविड काल में जीतोड़ मेहनत की। जान की परवाह किए बिना रीवा को बचाने में लगे रहे। पहले वेव में लोगों को घरो में रोकने के लिए बैरिकेटिंग की।

कोविड गाइड लाइन का पालन कराने के लिए इन्हें ही प्रशासन ने मैदान में आगे किया था। इसकी जिमेदारी इन्होने बखूबी निभाई थी। अब सेकंड वेव आया है। इस लहर में भी रीवा शहर की कमान इन्हीं के पास है। वैसे साथ में एसडीएम और तहसीलदार भी रहते हैं, लेकिन मोर्चा सहालने में यही आगे रहते हैं। हंसमुख और मिलनसार के साथ ही हालात को कंट्रोल करना भी इन्हें बखूबी आता है। यही वजह है कि यह हर जगह फिट हैं

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