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Night Life In Rewa: रीवा की नाइट लाइफ बोरिंग! रात 11 बजते ही पुलिस डंडे लेकर दौड़ाती है

Night Life In Rewa: रीवा की नाइट लाइफ बोरिंग! रात 11 बजते ही पुलिस डंडे लेकर दौड़ाती है
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Night Life In Rewa: दुनिया चांद तक पहुंच गई और रीवा में नाइट मार्केट का कांसेप्ट नहीं पहुंच पाया

Night Life In Rewa:कोई बाहरी दोस्त आप से रीवा की नाइट लाइफ और नाइट मार्केट के बारे में पूछे तो, सच कभी मत बताना क्योंकि वह बंदा फिर रीवा नहीं आने वाला। क्योंकि रीवा की नाइट लाइफ बेहद बोरिंग है. जब मार्केट ही 10 बजे से बंद होना शुरू हो जाए तो एक्साइटमेंट वहीं खत्म हो जाता है. 11 बजते ही पुलिस वाले स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स को लाठी लेकर दौड़ना शुरू कर देते हैं. रात के वक़्त किसी निशाचर ग्राहक को गरमा गरम समोसे मिले ना मिले पुलिस से मां-बहन की गाली खाने को जरूर मिल जाती है. कुलमिलाकर रीवा में नाइट मार्केट के नामपर सिर्फ रेड क्रॉस की मेडिकल दुकान खुली होती है और इसके अलावा कुछों नहीं मिलता।

कैसी है रीवा की नाइट लाइफ

Night Market In Rewa: रीवा शहर की नाइट लाइफ उतनी ही पकाऊ है जितना रीवा को महानगर बताने वाले नेताओं के भाषण। Rewa City को राजनेता लोग महानगर कह देते हैं जैसे यहां रहने वाले कभी महानगरों में पढ़ने-लिखने रहने और नौकरी करने गए ही ना हों. रीवा के लोग इंदौर के सराफा नाइट मार्किट, मुंबई, दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु की नाइट लाइफ जीकर आते हैं और यहां आने के बाद जब रात में भूख लगे तो बस स्टैंड में पान और सुट्टे के अलावा कुछ मिलता नहीं है, चाय पीने के लिए आदमी तरस जाता है.

रीवा में नाइट मार्केट जैसा कुछ क्यों नहीं है

Rewa Night Market: जिस शहर में स्ट्रीट फ़ूड वेंडर्स को रात 10:30 बजे से दुकान बंद करने की वार्निंग और 11 बजते ही भागना शुरू कर दिया जाए वहां नाइट मार्केट का कॉन्सेप्ट सम्भव ही नहीं है. पुलिस वाले दौड़ा-दौड़ा कर सड़क में खाना बेचने वालों को पीटना और थाने में ले जाना शुरू कर देते हैं. रेस्टोरेंट बंद कर दिए जाते हैं. चप्पे-चप्पे में पुलिस का पहरा हो जाता है कि धोखे से भी कोई सड़क में खाना बेचने वाला शातिर स्ट्रीट वेंडर कहीं अपनी रोजी रोटी तो नहीं चला रहा है. हां लेकिन वीड, कोरेक्स, सट्टा, सुट्टा, गुटखा, नशे वाली गोली खरीदना हो तो उसके लिए 24X7 व्यवस्था रहती है.

काफी पहले की बात है रीवा नगर निगम (RMC) में काबिल IAS रैंक के कमिश्नर आए थे, उन्होंने यहां नाइट मार्केट शुरू करने की बात भी कही थी, उन्होंने यह भी बताया था कि पुलिस प्रशासन नाइट मार्केट के कांसेप्ट से एग्री नहीं करती है।

पुलिस का मानना है कि रात में आपराधिक मामले बढ़ने की सम्भावना होती है, लोग फिर रात में खाना खाने निकलने के बहाने गलत काम करने लगेंगे, जो लोग नाइट मार्केट में स्ट्रीट फ़ूड खाने के लिए आएँगे उनके साथ कुछ गलत हो सकता है. शायद महानगरों की पुलिस के पास यह अद्भुत लॉजिक नहीं होगा वरना देश के किसी भी मेट्रो शरह में नाइट मार्केट होता ही नहीं है.

क्या रीवा में कभी नाइट मार्केट नहीं खुलेगा

काहे नहीं खुलेगा, जब सूरज पश्चिम दिशा से उगेगा, नदी विपरीत दिशा में बहेगी, पृथ्वी उल्टी तरफ घूमने लगेगी और जब रात में भी सूरज चमकेगा तो रीवा में भी नाइट मार्केट खुलेगा और आप भी मुंबई-दिल्ली रहने वाले दोस्तों को बता सकेंगे कि मेरे रीवा में नाइट मार्केट बमफाड़ है भाई आओ तो एक बार... लेकिन तबतक के लिए आप इंदौर के सराफा मार्केट की तारीफ अपने गली-मोहल्लों के दोस्तों से बता कर उनका दिल जलाते रहिये

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