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रीवा में लिफ्ट और एस्केलेटर के नए नियम: 12.5 मीटर से ऊंचे भवनों में लिफ्ट जरूरी, नहीं होने पर निरस्त होगी अनुज्ञा

रीवा में लिफ्ट और एस्केलेटर के नए नियम: 12.5 मीटर से ऊंचे भवनों में लिफ्ट जरूरी, नहीं होने पर निरस्त होगी अनुज्ञा
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Rewa Lift Escalator Maintenance News 2025: रीवा शहर में लिफ्ट और एस्केलेटर की सुरक्षा के लिए नगर निगम ने सख्त नियम लागू किए। अब बिना अनुमति लिफ्ट नहीं लगेगी, पंजीयन अनिवार्य किया गया।

रीवा न्यूज अपडेट: शहर में बड़े व्यावसायिक भवनों में लिफ्ट और एस्केलेटर के नियमित मेंटेनेंस न होने से बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने नए प्रावधान लागू किए हैं। रीवा नगर निगम समेत सभी नगरीय निकायों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अब सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का ऑनलाइन पंजीयन किया जाए और उनका नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।

Lift Escalator Maintenance Rules Rewa 2025, रीवा में लिफ्ट-एस्केलेटर मेंटेनेंस नियम

नए नियमों के तहत 12.5 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले सभी भवनों में लिफ्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। नगर निगम अब लिफ्ट की अनुमति, निगरानी, मेंटेनेंस और निरीक्षण के लिए एक अलग अधिकृत अधिकारी नियुक्त करेगा। सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन रहेगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे। शुरुआती छह महीने तक नियमों में लचीलापन रखा जाएगा, लेकिन उसके बाद सख्ती से लागू किया जाएगा।

Lift Registration in Rewa, लिफ्ट पंजीयन अब अनिवार्य

शहर में लगी सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का पंजीयन नगर निगम के पास कराना अनिवार्य होगा। पुराने भवनों में भी लगी लिफ्ट को अब निर्धारित प्राधिकारी के पास रजिस्टर कराना जरूरी होगा। जो भवन मालिक ऐसा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम को यह अधिकार दिया गया है कि वे नियमों का पालन न करने पर भवन की अनुमति रद्द कर सकें।

New Safety Provisions for Rewa Buildings, नए सुरक्षा प्रावधान

  • व्यावसायिक, इंडस्ट्रियल, हैवी ड्यूटी, वॉक-वे और एस्केलेटर सभी इस नियम के दायरे में आएंगे।
  • लिफ्ट के लिए एक ऑर्गनाइज्ड सिस्टम बनाया जाएगा।
  • ऑनलाइन फार्म में हर लिफ्ट धारक को अपने उपकरणों का विवरण देना होगा।
  • घरों में लगी लिफ्ट को अनुमति की जरूरत नहीं, लेकिन सूचना देना अनिवार्य।
  • व्यावसायिक भवनों में नियत अवधि पर जांच होगी।
  • उल्लंघन करने पर जुर्माना और लिफ्ट सील की कार्रवाई होगी।

Lift Engineers License Rewa 2025, लिफ्ट इंजीनियरों को मिलेगा लाइसेंस

नए प्रावधानों के अनुसार, अब नगर निगम लिफ्ट इंजीनियरों को भी लाइसेंस जारी करेगा। ये इंजीनियर Rule 26(9)(छ) एवं (ज) के तहत लिफ्ट, एस्केलेटर या मूविंग वॉक की जांच करेंगे। भवन स्वामी को ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जिसे लिफ्ट इंजीनियर सत्यापित करेंगे और उसके बाद निगम स्वीकृति देगा। पहले भी इस तरह का सर्कुलर जारी हुआ था लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ था।

Rewa Building Violations, नियमों का पालन किए बिना बने ऊंचे भवन

भूमि विकास नियम 2012 से प्रभावशील हैं, लेकिन नगर निगम इंजीनियरों की लापरवाही से कई भवनों में नियमों का पालन नहीं हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रीवा शहर में करीब 25,000 से ज्यादा ऐसे भवन हैं जो 12.5 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले हैं। इन सभी भवनों में अब लिफ्ट नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

Rewa Lift Maintenance Reality, जहां लगी लिफ्ट वहां भी ठीक से नहीं चलती

रीवा के कई बड़े व्यावसायिक भवनों में लिफ्ट तो लगाई गई हैं, लेकिन नियमित मेंटेनेंस न होने से वे बंद रहती हैं। शिल्पी प्लाजा जैसे प्रमुख भवनों में लिफ्ट वर्षों से बंद हैं। संजय गांधी अस्पताल में भी कई लिफ्टें लगी हैं, पर सिर्फ दो-तीन ही काम कर रही हैं। सिरमौर चौराहा और अन्य कॉम्प्लेक्स में लगे एस्केलेटर भी अक्सर खराब रहते हैं, जिससे लोगों को सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है।

Rewa Nagar Nigam Strict Action, निगम करेगा सख्त एक्शन

नगर निगम ने साफ कहा है कि लिफ्ट और एस्केलेटर की मेंटेनेंस रिपोर्ट हर छह महीने में जमा करनी होगी। अगर किसी भवन में लापरवाही पाई गई तो उसका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा और भवन अनुज्ञा (Building Permission) भी निरस्त की जा सकती है।

FAQs – Rewa Lift Escalator Rules 2025

1. क्या अब हर भवन में लिफ्ट लगाना अनिवार्य है?

हाँ, 12.5 मीटर या उससे ऊंचे भवनों में लिफ्ट लगाना अनिवार्य है।

2. क्या घरों में लगी लिफ्ट पर भी यह नियम लागू है?

घर की लिफ्ट के लिए अनुमति जरूरी नहीं, लेकिन उसकी जानकारी ऑनलाइन देनी होगी।

3. क्या नगर निगम लिफ्ट इंजीनियरों को लाइसेंस देगा?

हाँ, लिफ्ट इंजीनियरों को निगम से लाइसेंस मिलेगा ताकि वे निरीक्षण कर सकें।

4. नियमों का पालन न करने पर क्या कार्रवाई होगी?

भवन की अनुमति निरस्त की जा सकती है, लिफ्ट सील की जा सकती है और जुर्माना भी लगेगा।

5. यह नियम कब से लागू होंगे?

शुरुआती छह महीने तक लचीलापन रहेगा, उसके बाद सख्ती से लागू किए जाएंगे।

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