रीवा

रीवा के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का जूनून / 48 घंटे दिन-रात लगातार काम करके लगाया गया नया ऑक्सीजन प्लांट

Aaryan Dwivedi
30 April 2021 5:44 PM GMT
रीवा के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का जूनून / 48 घंटे दिन-रात लगातार काम करके लगाया गया नया ऑक्सीजन प्लांट
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रीवा. रीवा में प्रशासनिक अधिकारियों, डॉक्टरों तथा इंजीनियरों ने इस चुनौती का सामना करने के लिये डटकर प्रयास किये. इसमें जनप्रतिनिधियों का भी खुलकर सहयोग प्राप्त हुआ. ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में केवल 48 घंटे दिन-रात लगातार काम करके नया ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया.

कोरोना संकट बड़ी चुनौती बनकर आया है. कोरोना के गंभीर रोगियों के उपचार के लिये पर्याप्त ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. रीवा ही नहीं प्रदेश और देश में कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या से ऑक्सीजन की मांग में भारी वृद्धि हुई है. गंभीर रोगियों के लिये लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति करना बहुत बड़ी चुनौती बन गया है.

रीवा. रीवा में प्रशासनिक अधिकारियों, डॉक्टरों तथा इंजीनियरों ने इस चुनौती का सामना करने के लिये डटकर प्रयास किये. इसमें जनप्रतिनिधियों का भी खुलकर सहयोग प्राप्त हुआ. ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में केवल 48 घंटे दिन-रात लगातार काम करके नया ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया.

100 सिलेण्डरों में ऑक्सीजन भरने की क्षमता

इस प्लांट से 29 अप्रैल से प्रतिदिन 100 सिलेण्डरों में ऑक्सीजन भरने का काम शुरू हो गया है. इससे सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल (Super Specialty Hospital) में मांग के अनुसार ऑक्सीजन की शत-प्रतिशत आपूर्ति हो जायेगी. साथ ही संजय गांधी हास्पिटल (SGMH) को आवश्यकता पड़ने पर ऑक्सीजन उपलब्ध करायी जा सकेगी.

रोगियों के उपचार के लिये समर्पित भाव से कार्य करने के जज्बे और जुनून ने असंभव से लगने वाले कार्य को संभव कर दिखाया है. इस प्लांट को लगाने में पूर्व मंत्री एवं विधायक रीवा राजेन्द्र शुक्ल (Rewa MLA Rajendra Shukla), रीवा कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी (Rewa Collector Dr. Ilayaraja T.) तथा जिले के कई समाजसेवियों ने अतुलनीय योगदान दिया है.

89 लाख रूपये की लागत से प्लांट स्थापित किया

इस संबंध में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने बताया कि जिले में रोगियों के उपचार के लिये ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पूरी प्रक्रिया केवल सात दिनों में पूरी की गई. कम अवधि का टेण्डर जारी करके दिल्ली से ऑक्सीजन प्लांट बुलवाया गया. कुल 89 लाख रूपये की लागत से प्लांट स्थापित किया गया.

कलेक्टर ने बताया कि दिल्ली से मशीनें बाहर निकलने में कई बाधाएं आ रही थीं. विभिन्न स्तर पर प्रयास करके मशीनें प्राप्त की गई.. प्लांट स्थापित करने के लिये बिजली की लाइन, गैस लाइन तथा अन्य आवश्यक तैयारियां मशीन पहुंचने के पूर्व ही कर ली गई.

ऑक्सीजन भरने की प्रक्रिया शुरू

डीएम के अनुसार मशीन को स्थापित करने में इंजीनियर नीरज सिंह तथा उनके सहयोगियों ने लगातार दो दिनों तक अथक परिश्रम किया. जिसके परिणामस्वरूप 27 अप्रैल को ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो गया. इसका परीक्षण करने में लगभग 30 घंटे का समय लगा. अंतत: 29 अप्रैल को प्लांट से सिलेण्डरों में ऑक्सीजन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई.

यह प्लांट वातावरण से ऑक्सीजन लेकर उसे संघनित करके सिलेण्डरों में भरता है. स्थानीय स्तर पर प्रतिदिन 100 सिलेण्डर की उपलब्धता से गंभीर रोगियों के उपचार में बड़ी सहूलियत मिलेगी. ऑक्सीजन प्लांट लगाने में डॉ. अवतार सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी एवं इंजीनियरों ने सराहनीय योगदान दिया.

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