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SGMH रीवा के डॉक्टरों की लापरवाही: जिंदा युवक को मृत घोषित किया, ऐसे खुली पोल

SGMH रीवा के डॉक्टरों की लापरवाही: जिंदा युवक को मृत घोषित किया, ऐसे खुली पोल
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SGMH रीवा के डॉक्टरों की लापरवाही: जिंदा युवक को मृत घोषित किया

रीवा के संजय गाँधी अस्पताल के डॉक्टरों ने कोरोनाकाल में मृतकों का शव बदला था, अब जिंदा युवक को मृत घोषित कर दिया।

रीवा. संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (SGMH) में एक बार फिर चिकित्सकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। अस्पताल में भर्ती रहे एक जिंदा मरीज को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। जिस समय मरीज को कागजों में मृत घोषित किया गया, उस समय वह रेफर होकर आगे के इलाज के लिए कोलकाता पहुंच चुका था। वह अभी वहीं भर्ती है।

कोलकाता के अस्पताल में भर्ती है मृत घोषित युवक

दरअसल, सीधी जिले के गिजवार में बाइक फिसल जाने से सौरभ विश्वास घायल हो गए थे। 4 मार्च को उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाहरी चोट अधिक नहीं थी, लेकिन पेट में दर्द बना हुआ था। चिकित्सकों ने बताया, किडनी में खून जमा हो गया है। ऑपरेशन करना पड़ेगा। घायल व उनके परिजन रीवा में किडनी का ऑपरेशन कराने को तैयार नहीं थे। लिहाजा, रेफर कराकर कोलकाता चले गए।

इस तरह घोषित किया मृत

लगभग इसी समय सिंगरौली जिले के चितरंगी की एक महिला की अस्पताल में मौत हुई। चिकित्सकों ने उसके पोस्टमार्टम का पंचनामा तैयार करने के लिए पुलिस को जो जानकारी भेजी, उसमें मृत महिला के स्थान पर लापरवाही से सौरभ विश्वास का नाम लिख दिया। वार्ड में मृत होने वाले मरीजों का सत्यापन उनके दस्तावेज व परिजनों द्वारा दी जाने वाली जानकारी के आधार पर किया जाता है। चिकित्सकों ने आकस्मिक चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी, जहां से पुलिस को जानकारी भेज दी गई। इसी में लापरवाही करते हुए महिला के स्थान पर सौरभ का नाम लिख लिया गया।

ऐसे सामने आई सच्चाई

संजय गांधी अस्पताल स्थित पुलिस चौकी के एएसआइ ने जब पंचनामे व पोस्टमार्टम के लिए सौरभ के परिजन को फोन किया तो वे अवाक रह गए। उन्होंने नाराजगी जताते हुए पुलिस को बताया कि सौरभ जिंदा है और कोलकाता में उपचार करवा रहा है। पुलिसकर्मी खुद अचरज में पड़ गया। उन्हें भरोसा नहीं हुआ तो परिजन ने सौरभ विश्वास से बात कराई। इस पर भी भरोसा नहीं हुआ तो वीडियो कॉल करवाई।

संजय गांधी अस्पताल के सौरभ विश्वास के भर्ती व डिस्चार्ज के दस्तावेज भी पुलिस को भेजे। तब पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचा। अस्पताल प्रशासन को जिंदा व्यक्ति को मृत करार दिए जाने का पता लगा, तो वहां हड़कंप मच गया। कागज दुरुस्त किए गए। पुलिस ने रिकॉर्ड सुधारा और सौरभ विश्वास की मर्ग रिपोर्ट को रद्द करवाया।

चोट की वजह से उपचार के लिए चार मार्च को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती हुआ था। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करने के लिए नली लगा दी और दो घंटे के भीतर छह इंजेक्शन दिए। जबकि, पूरी तरह स्वस्थ था। इसलिए वहां उपचार कराने के बजाय कोलकाता आ गया हूं। सुबह पुलिस का फोन आया था कि मृत हो गए हो, पोस्टमार्टम कराना है। उन्हें अपने जीवित होने का प्रमाण दिया है। इस लापरवाही पर कार्रवाई होना चाहिए।

- सौरभ विश्वास, घायल

अस्पताल की ओर से सौरभ विश्वास के मृत होने की जानकारी आई थी। पुष्टि के लिए फोन किया था तो संबंधित ने बताया कि वह जिंदा है। वार्ड में पता किया तो बताया गया किसी महिला की मौत हुई थी, पर्ची बदल गई है। सौरभ का मर्ग कायम नहीं किया है।

- आईपी पटेल, चौकी प्रभारी, संजय गांधी अस्पताल

यह मामला संज्ञान में आने के बाद पता किया तो जानकारी सामने आई है कि दुर्घटना से जुड़ा प्रकरण होने की वजह से एमएलसी के लिए पुलिस के पास भेजा गया था। इसमें कंफ्यूजन कहां हुआ, विस्तृत जांच के बाद ही पता चलेगा।

- डॉ. अवतार सिंह, संयुक्त संचालक संजय गांधी अस्पताल रीवा

कोरोना काल में शव बदल दिया था

संजय गांधी अस्पताल में पहले भी ऐसी लापरवाही सामने आ चुकी है। कोरोना काल में मऊगंज के एक युवक की मौत हुई थी। परिजन को पहचान के लिए बुलाया गया तो शवगृह में संबंधित युवक का शव ही नहीं था। बाद में पता चला कि किसी व्यापारी के नाम पर उसका शव का अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया था। मृतक के परिजन लगातार मांग करते रहे कि उन्हें शव दिलवाया जाए। कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन हुआ था। मामले में वार्ड के प्रभारी डाक्टर राकेश पटेल को निलंबित कर दिया था।

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

Aaryan Puneet Dwivedi | रीवा रियासत

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