- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- Ram Navmi 2023: चैत्र...
Ram Navmi 2023: चैत्र रामनवमी पर रीवा भी हुआ राममय, 10 फीट ऊंची प्रभु की मूर्ति बनी आकर्षण का केन्द्र
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर वर्ष रामनवमी का त्योहार बड़े ही हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का जन्म हुआ था। इस शुभ तिथि पर भक्त प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाते हैं। मध्यप्रदेश का रीवा जिला भी पूरी तरह राममय हो गया है। प्रभु का जन्म उत्सव मनाने को लेकर भक्तों में अच्छा खासा उत्साह नजर आ रहा है।
प्रभु श्रीराम की बनाई 10 फीट ऊंची मूर्ति
रीवा जिले में रामनवमी के अवसर पर सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र प्रभु श्रीराम की 10 फीट ऊंची बनाई गई मूर्ति है। इस मूर्ति को मशहूर मूर्तिकार पवन द्वारा बनाया गया है। बताया गया है कि इसको बनाने में वह पिछले 15 दिनों से जुटे हुए थे। जिसको आज अंतिम स्वरूप दे दिया गया है। रामनवमी त्योहार पर यह मूर्ति लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। जिसकी एक झलक पाकर भक्त भाव विभोर हो रहे हैं।
झांकी में शामिल होगी श्रीराम की प्रतिमा
पवन मूर्तिकार की मेहनत आखिरकार रंग लाई और उन्होंने भगवान श्रीराम की मनमोहक व आकर्षक प्रतिमा तैयार कर ली। यह प्रतिमा प्रभु श्रीराम के वनवासी होने की झलक पेश करती है। रामनवमी के अवसर पर तैयार की गई इस प्रतिमा को रीवा में निकलने वाली आकर्षक झांकी में शामिल किया जाएगा। जिससे लोगों को इस प्रतिमा का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो सके।
पूरे विंध्य में फेमस हैं पवन मूर्तिकार
मूर्तियों को भव्य और सुंदर आकार देने के लिए पवन समूचे विंध्य में फेमस हैं। इनको बड़ी-बड़ी मूर्तियों के निर्माण के लिए रीवा सहित पूरे विंध्य से आर्डर मिलते रहते हैं। विभिन्न त्योहारों जैसे नवरात्रि और गणेश चर्तुथी के अवसर पर भी इनके द्वारा मां दुर्गा, काली सहित भगवान गणपति की मूर्ति को भव्य और सुंदर आकार दिया जाता है। इस बार रामनवमी के अवसर पर इनके द्वारा प्रभु श्रीराम की आकर्षक प्रतिमा तैयार की गई है। जिसकी एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर दिखाई दे रहे हैं।
पवन का पुश्तैनी है काम
मूर्तिकार पवन मूल रूप से जबलपुर के रहने वाले हैं। जिन्होंने मूर्तिकला के क्षेत्र में रीवा सहित पूरे विंध्य में अपनी पहचान बना ली है। पवन के मुताबिक उनका यह कार्य पुश्तैनी है। इनके पिता व दादा भी मूर्ति बनाया करते थे। उनकी तीन पीढ़ियों द्वारा यह कार्य किया जा चुका है वह चौथी पीढ़ी के रूप में इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। विभिन्न अवसरों पर तैयार की जाने वाली आकर्षक व सुंदर प्रतिमाओं के कारण पवन की ख्याति चारों ओर फैल चुकी है। रीवा जिले के साथ ही उन्हें समूचे विंध्य में पहचाना जाने लगा है। रीवा सहित समूचे विंध्य व अन्य जिलों से भी मूर्ति निर्माण के लिए पवन को आर्डर मिलते रहते हैं। इनके द्वारा बनाई गई मूर्तियां रीवा से बाहर दूसरे शहर में भी भेजी जाती हैं।