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रीवा: गढ़ के भठवा गांव में 5 गोवंशों और एक सियार को करंट लगाकर मार डाला! दो गायों के गर्भ में बछड़े थे

रीवा: गढ़ के भठवा गांव में 5 गोवंशों और एक सियार को करंट लगाकर मार डाला! दो गायों के गर्भ में बछड़े थे
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MP Rewa News: गोवंशों और सियार की हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ FIR तक दर्ज नहीं हुई

MP Rewa News: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में आने वाले गढ़ क्षेत्र के भठवा ग्राम में अनंत चतुर्दशी गणेश उत्सव के समापन के दिन 9 सितंबर 2022 की दरमियानी रात गोवंशों और एक सियार को मार डाला गया. आरोप है कि स्थानीय निवासी अखिल श्रीवास्तव पिता देवेंद्र श्रीवास्तव की के खेत लगाए गए तारवाड़ी में सप्लाई किए गए बिजली के करंट में फंसकर 4 गाय एक बैल और नग जंगली सियार की मौत हो गई. जिन 4 गायों की करंट लगाकर हत्या कर दी गई उनमे से दो के बेट में बछड़े थे.

घटना की जानकारी क्षेत्र के स्थानीय निवासियों के द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता एवं गोवंश राइट्स एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी को दी गई जिसके बाद द्विवेदी ने अनुविभागीय अधिकारी मंनगवा कृपा शंकर द्विवेदी अनुविभागीय अधिकारी फॉरेस्ट ऋषि कुमार मिश्रा थाना प्रभारी गढ़ राम कुमार गायकवाड चौकी प्रभारी लालगांव संजीव शर्मा वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरमौर नरेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं पशु चिकित्सा विभाग के वेटेरिनरी ऑफिसर और डॉ विवेक मिश्रा आदि को दी गई। इसके बाद सरकारी तंत्र में हड़कंप मच गया और कार्यवाही का दौर चालू हो गया। देखते ही देखते दोपहर लगभग 2:00 बजे तक पुलिस चिकित्सा एवं फारेस्ट विभाग के कर्मचारी अधिकारी मौके वारदात पर पहुंच गए। मौके वारदात पर पहुंचकर देखा गया तो पाया गया कि जिस प्रकार से वारदात हुई है और कतारबद्ध तरीके से चार गाय एक बैल और एक जंगली सियार तारबाड़ी में फस कर मरे हुए हैं उसे साफ जाहिर था कि ऐसी घटना मात्र करंट सप्लाई के द्वारा ही हो सकती है। उसकी पुष्टि भी हो गई और पशु चिकित्सक विवेक मिश्रा एवं रत्नेश सिंह मौके पर पहुंचकर मृतक पशुओं का पोस्टमार्टम किए और बताया कि लीवर और ल हार्ट में जिस प्रकार से मरने के बाद सिम्टम्स पाए गए हैं उससे साफ जाहिर होता है कि मृत्यु करंट लगने की वजह से हुई है।

गोवंशों और सियार की करंट लगाकर हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने अबतक FIR भी दर्ज नहीं की है

गोवंश पर सिर्फ राजनीति

रीवा जिले और पूरे मध्यप्रदेश में गौहत्या की वारदातें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। एक तरफ तो जिला कलेक्टर रीवा पशुओं की व्यवस्था हेतु आये दिन फरमान जारी करते रहते हैं लेकिन इनके कागजी फरमानो और गौसंवर्धन बोर्ड का कोई लाभ दिखता नजर नहीं आ रहा है। जहां गौसंवर्धन बोर्ड गोवंशों के लिए आने वाले फंड को हजम कर रहे हैं, गौशालाए कागजों पर संचालित हो रही हैं और गौसेवक मात्र नाम मात्र के बचे हुए हैं ऐसे में जाहिर है पूरे रीवा संभाग सहित मध्य प्रदेश में गौहत्या और गोवंश प्रताड़ना बढ़ती जा रही है। अभी ज्यादा दिन नहीं हुआ है जब एनिमल वेलफेयर बोर्ड आफ इंडिया की टीम ने आकर रीवा जिले को संपूर्ण मध्यप्रदेश में गोवंशों के लिए सबसे बदतर स्थान बताया और 8 गौशालाओं को मात्र कागजों पर संचालित होते पाया और उनकी मान्यता रद्द करने हेतु सरकार को लेख किया है।

कड़ी कार्यवाही की माग

शिवानंद द्विवेदी का कहना है कि जिस प्रकार से वारदात हुई है ऐसे में यह वारदात कारित करने वाले दोषियों के विरुद्ध मध्य प्रदेश गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004, अवैध तरीके से बिजली उपयोग करते हुए जान माल का नुकसान करने के उद्देश्य से बिजली अधिनियम, जंगली सियार को करंट लगाकर मारे जाने के चलते फॉरेस्ट अधिनियम, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 और भारतीय दंड संहिता की धारा 429 आदि अधिनियमों के तहत एक साथ कार्यवाही की जानी चाहिए। लेकिन पुलिस गोहत्या के मामलों को दबा देती है.

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