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IAS के विवादित बयान पर डिप्टी सीएम ने जताई नाराजगी, सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

मुख्य बिंदु (Top Highlights)
- सीनियर IAS संतोष कुमार वर्मा की विवादित टिप्पणी पर सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस।
- बयान को सामाजिक सौहार्द और एकता के लिए हानिकारक बताया गया।
- डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ल ने टिप्पणी को ‘अत्यंत आपत्तिजनक’ और ‘विकृत मानसिकता’ का प्रतीक कहा।
- बयान MP SC/ST अधिकारी-कर्मचारी संघ के कार्यक्रम में दिया गया था।
- स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर कार्रवाई की चेतावनी।
MP में सीनियर IAS संतोष कुमार वर्मा विवादों में, आपत्तिजनक टिप्पणी पर सरकार ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
मध्य प्रदेश के एक सीनियर आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा अपने एक बयान को लेकर गंभीर विवादों में घिर गए हैं। उनकी टिप्पणी को सामाजिक ताने-बाने और सामुदायिक सौहार्द के लिए हानिकारक बताते हुए राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि यह बयान समाज में अनावश्यक वैमनस्य पैदा करने का प्रयास प्रतीत होता है और एक उच्च पद पर आसीन अधिकारी से ऐसी टिप्पणी की अपेक्षा नहीं की जाती।
क्या कहा था संतोष वर्मा ने? | What Did the IAS Officer Say?
23 नवंबर को भोपाल में आयोजित SC/ST अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के प्रांतीय अधिवेशन के दौरान IAS वर्मा ने एक विवादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा:
“परिवार में एक व्यक्ति को ही आरक्षण मिलना चाहिए, यह तब तक चले जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को न दे दे या उसके साथ रिश्ता न जोड़े।”
यह टिप्पणी सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तुरंत विवाद का कारण बन गई। कई संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं ने इसे सामाजिक विभाजन पैदा करने वाला, असंवेदनशील और भड़काऊ बताया।
GAD का नोटिस: “टिप्पणी सामाजिक एकता के खिलाफ” | Government’s Strong Response
सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा कि अधिकारी का बयान:
- सामाजिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने वाला,
- समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने वाला,
- प्रशासनिक मर्यादा के विपरीत,
- भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ प्रतीत होता है।
GAD ने IAS अधिकारी से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है और स्पष्ट कहा है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डिप्टी CM राजेंद्र शुक्ल भी नाराज | Deputy CM Reacts Strongly
पूरे मामले पर मध्य प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“एक IAS अधिकारी द्वारा बहन और बेटियों को लेकर की गई टिप्पणी अत्यंत आपत्तिजनक और असंवेदनशील है। यह समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा करने वाली है। मातृशक्ति के विरुद्ध ऐसे विचार विकृत मानसिकता का परिचायक हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बयान भारतीय संस्कृति और प्रशासनिक गरिमा दोनों का अपमान करते हैं और सरकार ऐसे व्यवहार को बिल्कुल स्वीकार नहीं करेगी।
समाज और संगठनों में भी तीखी प्रतिक्रिया | Public & Social Anger
संतोष वर्मा की टिप्पणी पर कई सामाजिक संगठनों, युवा समूहों और महिला आयोग की ओर से कड़ी निंदा की जा रही है। लोगों का कहना है कि समाज के किसी वर्ग को अपमानित करने वाली बात एक वरिष्ठ अधिकारी के मुख से निकलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
राज्य में बढ़ी प्रशासनिक सख्ती | Administrative Action Expected
सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी से मांगा गया स्पष्टीकरण यदि उचित न पाया गया, तो:
- विभागीय जांच,
- निलंबन,
- या अन्य प्रशासनिक कार्रवाइयां
शुरू की जा सकती हैं।
क्या है आगे की प्रक्रिया? | What Happens Next?
IAS संतोष वर्मा को निर्धारित समय सीमा में लिखित स्पष्टीकरण देना होगा। सामान्य प्रशासन विभाग उनके जवाब की समीक्षा करेगा और तय करेगा कि आगे क्या कार्रवाई की जाए।
माना जा रहा है कि सरकार इस मामले को “उदाहरण” बनाने की दिशा में भी कदम उठा सकती है, ताकि भविष्य में कोई अधिकारी इस प्रकार का विवादित बयान देने से बचे।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. IAS संतोष वर्मा ने क्या कहा था?
उन्होंने कहा—परिवार में एक को ही आरक्षण मिले, जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को न दे दे। यह बयान विवाद का कारण बना।
2. सरकार ने क्या कार्रवाई की है?
GAD ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण मांगा है।
3. डिप्टी CM ने क्या कहा?
उन्होंने बयान को “अत्यंत आपत्तिजनक, असंवेदनशील और विभाजनकारी” बताया।
4. क्या आगे कड़ी कार्रवाई होगी?
यदि जवाब संतोषजनक न हुआ तो विभागीय कार्रवाई, निलंबन या अनुशासनात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।




