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MP में सबसे अधिक सामान्य प्रसव रीवा के GMH में, अब जांच की रिपोर्ट मरीजों के परिजन और डॉक्टर के WhatsApp पर जाएगी

MP में सबसे अधिक सामान्य प्रसव रीवा के GMH में, अब जांच की रिपोर्ट मरीजों के परिजन और डॉक्टर के WhatsApp पर जाएगी
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रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुरकर का दावा- और भी बेहतर सुविधा के लिए बना रहे योजना।

रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुरकर का दावा- और भी बेहतर सुविधा के लिए बना रहे योजना।

मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के विधानसभा क्षेत्र के सरकारी अस्पताल अब नए आयाम छू रहें हैं। रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज (SSMC) के गांधी स्मारक अस्पताल (GMH Rewa) में सामान्य प्रसव अन्य मेडिकल कॉलेजों की तुलना में सबसे अधिक हुए हैं। सिजेरियन के जरिए भी जो प्रसव हुए हैं वह विशेष परिस्थितियों में हुए हैं।

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रीवा में जिले के साथ ही आसपास के दूसरे जिलों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं प्रसव के लिए गांधी स्मारक अस्पताल आती हैं। यहां पर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (Gynecology and Obstetrics Department) की विशेषज्ञ चिकित्सकों की मंशा रही है कि साधारण प्रसव (Normal Delivery) कराया जाए। कई बार प्रसव के लिए आई महिलाओं की सामान्य प्रसव की स्थिति नहीं होती। ऐसे में जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी पड़ता है। इस कारण ऐसे मामलों को छोड़कर अधिकांश में नॉर्मल डिलेवरी का इंतजार किया जाता है।

यही कारण रहा है कि बीते एक वर्ष के अंतराल में 6691 महिलाओं के सामान्य प्रसव से बच्चे हुए हैं। यह संख्या प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों से काफी अधिक है। आने वाले समय में और अधिक संख्या में सामान्य प्रसव के लिए प्रयास किए जाएंगे।

एसएसएमसी के डीन डॉ. इंदुरकर ने बताया कि हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत अब मरीजों की यूनिक आईडी बनाई जा रही है। जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों के परिजनों को लाइन में लगने की जरूरत नहीं है। अभी अस्पताल में अलग-अलग जगह काउंटर बनाए गए हैं। वहां पर सेंपल कलेक्शन होगा और रिपोर्ट मरीज के वाट्सऐप नंबर पर दी जाएगी। डॉक्टर के पास भी मिल जाएगी। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पैथालॉजी की सुविधा प्रारंभ की गई है।

MRI के लिए मरीज को भर्ती होना जरूरी नहीं

अस्पताल में अब तक व्यवस्था रही कि यदि किसी मरीज को MRI कराना है तो उसे पहले अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था। यह जांच कितने समय होगी यह भी तय नहीं होता था। इस पूरी प्रक्रिया में मरीज एवं परिजनों को परेशानी होती रही है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. इंदुरकर ने बताया कि यह प्रयास किया जा रहा कि OPD में आने वाले किसी मरीज की हालत यदि MRI कराने की स्थिति में है तो उसे सीधे वहीं से जांच के लिए भेजा जा सकेगा। कुछ दिन पहले ही सुपर स्पेशलिटी में 11 करोड़ रुपए की लागत वाली एमआरआई मशीन लगाने की सहमति बनी है।

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