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रीवा के संजय गांधी अस्पताल में नाबालिग से गैंगरेप: पीड़िता के पिता बोले- आरोपियों को हमारे हवाले कर दें, SP ने कहा- पुलिस को शिकायत नहीं मिली

मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म (गैंगरेप) का सनसनीखेज और शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि अस्पताल के ही तीन आउटसोर्स कर्मचारियों ने रविवार-सोमवार (8-9 जून, 2025) की दरमियानी रात को इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया। इस घटना के बाद से अस्पताल प्रशासन और स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, इस मामले में अभी तक पीड़िता के पुलिस के समक्ष बयान न देने के कारण आधिकारिक तौर पर केस दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन पीड़िता के पिता ने "बेटी के साथ गलत होने" की पुष्टि करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
क्या है पूरा मामला?
आरोप के अनुसार, यह जघन्य वारदात रविवार-सोमवार की रात को अस्पताल के ईएनटी (नाक, कान, गला) विभाग और किचन के बीच बने एक कथित रूप से सुनसान गलियारे में की गई। इस मामले में पीड़िता के पिता ने मीडिया से अपना दर्द बयां करते हुए कहा, "मेरी बेटी के साथ बहुत गलत हुआ है। मैं चाहता हूं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और उन्हें जेल भेजा जाए।" उन्होंने अब तक ज्ञात एक आरोपी की पहचान महेंद्र तिवारी के रूप में की है और उसकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
पिता ने यह भी बताया कि पुलिस की एक टीम सुबह उनके घर पर पूछताछ के लिए आई थी और अब उन्हें रात में बयान दर्ज कराने के लिए गोविंदगढ़ स्थित रेस्टहाउस में बुलाया जा रहा है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मौजूद पिता ने गुस्से और पीड़ा में कहा, "कोई भी अगर अस्पताल में इलाज के लिए अपनी बहन-बेटी को लेकर आएगा तो क्या वह सुरक्षित नहीं है? किसी और की बहन-बेटी इस तरह की घटना का शिकार न बने, इसके लिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर सरकार और प्रशासन इन दरिंदों को सजा नहीं दे पा रहे हैं तो उन्हें मेरे हवाले कर दें। मैं उन्हें खुद सजा दूंगा। मैं भी छत्तीसगढ़ से रीवा के लिए निकल रहा हूं।"
अस्पताल अधीक्षक का बयान: संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा ने इस घटना पर कहा, "हमें दो लोगों द्वारा घटना को अंजाम देने की जानकारी मिली है। पीड़िता की मां अस्पताल के ईएनटी विभाग में भर्ती थीं और यह नाबालिग लड़की अपनी मां के साथ एक अटेंडर के रूप में यहां आई थी। यहीं पर शायद कुछ वार्ड बॉय से उसका संपर्क हुआ।" उन्होंने आगे बताया, "घटना के बाद लड़की को इलाज के लिए अस्पताल के गायनी वॉर्ड में भर्ती कराया गया था। उस समय उसकी हालत ठीक नहीं थी और उसे तत्काल आवश्यक उपचार दिया गया। बाद में, लड़की बिना किसी को सूचित किए अस्पताल से कहीं चली गई। हमने इस मामले से जुड़े सभी साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए हैं और हम भी इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।"
पुलिस का पक्ष: रीवा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विवेक सिंह ने कहा, "हमें अपुष्ट सूत्रों से इस वारदात की जानकारी मिली है। इस संबंध में अभी तक पीड़िता या उसके परिवार की ओर से पुलिस को कोई आधिकारिक और लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कानून के अनुसार, पीड़िता की शिकायत के बिना केस दर्ज नहीं किया जा सकता। हमारी पुलिस टीम अपने स्तर पर पीड़िता तक पहुंचने और मामले की सच्चाई का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। शिकायत मिलने के बाद ही विधिवत केस दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
सामने आया CCTV फुटेज
इसी बीच, इस घटना से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इस फुटेज को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि एक स्ट्रेचर पर वही पीड़िता लेटी हुई है और उसे ले जा रहे लोग कथित आरोपी ही हैं। फुटेज में दिख रहा है कि ये लोग उसे अस्पताल के ही एक अन्य विभाग के सामने छोड़कर मौके से फरार हो गए। पुलिस इस सीसीटीवी फुटेज को एक महत्वपूर्ण साक्ष्य मानकर इसकी गहनता से जांच कर रही है।
मामले पर गरमाई सियासत, कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा
इस शर्मनाक घटना के सामने आने के बाद प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने लिखा, "रीवा जिले के सरकारी अस्पताल में नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की खबर ने एक बार फिर मध्यप्रदेश के जंगलराज की भयावह तस्वीर सामने ला दी है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के ही 3 कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर के गलियारे में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है।"
पटवारी ने सीधे तौर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल पर निशाना साधते हुए लिखा, "यह प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का गृह जिला है। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री भी राजेंद्र शुक्ल ही हैं और जिस अस्पताल में गैंगरेप की वारदात हुई है, उस अस्पताल का अधीक्षक राजेंद्र शुक्ल का भांजा राहुल मिश्रा है। उपमुख्यमंत्री पूरे मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।" उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल किया, "मुख्यमंत्री जी, क्या यहां भी पीड़ित लाडली को न्याय दिलवाने की बजाय आपके मंत्री आरोपियों को ही बचाने में जुट गए हैं? जुल्म के इस जंगलराज को कौन संरक्षण दे रहा है?"




