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एक ऐसा भाजपा विधायक, जिसका नहीं बनना चाहता कोई प्रतिनिधि; 48 घंटे के अंदर 5 ने छोड़ा दायित्व | Rewa News

मुख्य बिंदु (Top Highlights)
- मनगवां विधानसभा क्षेत्र में MLA नरेंद्र प्रजापति ने नई प्रतिनिधि सूची जारी की।
- सूची के कुछ ही समय बाद 5 कार्यकर्ताओं ने दायित्व स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
- त्याग पत्रों के बाद राजनीतिक गलियारों में असंतोष और अंदरूनी विवाद की चर्चा तेज।
- विधायक कार्यालय ने कहा—“यह पार्टी का आंतरिक मामला है, जल्द स्थिति स्पष्ट होगी।”
रीवा। विधायक या सांसद का प्रतिनिधि बनने के लिए होड मची रहती है। लेकिन रीवा जिले के मनगवां विधायक के साथ कुछ उल्टा ही है। इन विधायक का कोई प्रतिनिधि ही नहीं बनना चाहता। ख़ास बात यह है की MLA विपक्षी नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल यानी भाजपा के ही हैं। MLA नरेंद्र प्रजापति द्वारा प्रतिनिधियों की नई सूची जारी होते ही स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। नियुक्तियों के ऐलान के कुछ ही घंटों और 1–2 दिनों के भीतर 5 कार्यकर्ताओं ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने-अपने दायित्व स्वीकार करने में असमर्थता जता दी। इस तेजी से आई प्रतिक्रियाओं के बाद संगठन के भीतर सब कुछ ठीक न होने की चर्चाएँ जोर पकड़ने लगी हैं।
एक के बाद एक त्याग पत्र, सवालों के घेरे में संगठन का माहौल
जिन कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपा गया था, उनमें से कई ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों और समयाभाव के कारण वे इस जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाएंगे। हालांकि सभी ने विधायक का आभार व्यक्त किया और शांतिपूर्वक दायित्व लौटा दिया। लेकिन देखते ही देखते 4–5 कार्यकर्ताओं के त्याग पत्र सामने आने से यह चर्चा आम हो गई कि संगठन के भीतर असंतोष और समन्वय की कमी बढ़ रही है।
इन 5 कार्यकर्ताओं ने दायित्व नहीं संभाला
- जगजीवन लाल तिवारी
- केसरी द्विवेदी
- रावेंद्र मिश्रा
- गुरुदत्त सिंह
- वीरेंद्र पांडेय
इन कार्यकर्ताओं ने संयमित भाषा में पत्र लिखकर अपनी असमर्थता जताई और कहा कि वे इस समय नई जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर पाएंगे।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का सुझाव—संवाद और समन्वय बढ़े
क्षेत्र के कई कार्यकर्ताओं का मानना है कि संगठन में नियमित संवाद और समन्वय बढ़ाने की जरूरत है। उनका कहना है कि यदि समय-समय पर बातचीत हो, तो जिम्मेदारियों का वितरण साफ तौर पर समझ आता है और कार्यकर्ता सहज रूप से नेतृत्व का साथ देते हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी सड़क, पानी, बिजली और जनसुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर त्वरित काम की अपेक्षा जताई है।
विधायक कार्यालय की प्रतिक्रिया—“आंतरिक मामला है”
विधायक कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया पार्टी का आंतरिक मसला है और जल्द ही चर्चा के बाद स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्यकर्ताओं के साथ नियमित संवाद बनाए रखा जाएगा, ताकि किसी भी तरह का भ्रम या असंतोष न रहे। हालांकि अब तक MLA नरेंद्र प्रजापति की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
FAQs – मनगवां प्रतिनिधि सूची विवाद
कार्यकर्ताओं ने दायित्व क्यों ठुकराया?
व्यक्तिगत कारण और समयाभाव का हवाला देते हुए 5 कार्यकर्ताओं ने जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार किया।
क्या संगठन में असंतोष है?
त्याग पत्रों की संख्या बढ़ने से ऐसी चर्चाएँ तेज हैं कि संगठन में समन्वय की कमी और कुछ नाराजगी मौजूद है।
विधायक कार्यालय ने क्या प्रतिक्रिया दी?
विधायक कार्यालय ने कहा कि यह आंतरिक मामला है और जल्द ही चर्चा के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
क्या नियुक्ति सूची वापस ली जाएगी?
इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। निर्णय आगे की चर्चा के बाद होगा।
Rewa Riyasat News
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