रीवा

Super Specialty Hospital Rewa: एमपी में पहली बार LOT-CRT डिवाइस इंप्लांट, महिला की जान बचाने डिवाइस से बढ़ाई गई हार्टबीट

Rewa Super Specialty Hospital
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सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल रीवा का हृदय रोग विभाग प्रदेश का पहला हृदय रोग संस्थान बन गया है जिसमें एलओटी-सीआरटी डिवाइस इंप्लांट किया है.

रीवा। सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल रीवा का हृदय रोग विभाग (Cardiology Department of Super Specialty Hospital Rewa) एमपी का पहला हृदय रोग संस्थान बन गया है, जिसमें एलओटी-सीआरटी डिवाइस (LOT-CRT Device) इंप्लांट किया है. इस हास्पिटल की टीम ने यह नया कीर्तिमान जयपुर के इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. कुश भगत के सहयोग से स्थापित किया है.

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एसके त्रिपाठी ने बताया कि शांति तिवारी नाम की मरीज सांस फूलने और जल्दी थक जाने की तकलीफ के साथ अस्पताल आई थी. जांच में पता चला कि हृदय की पंपिंग सिर्फ 25 प्रतिशत है. हृदय की इलेक्ट्रिकल वायरिंग में भी डिफेक्ट था. इसके लिए आवश्यक दवाएं दी. लेकिन दवाओं से आराम नहीं मिला. जिस पर एलओटी-सीआरटी डिवाइस लगाने का निर्णय लिया गया.

क्या है LOT-CRT Device

LOT-CRT Device हृदय में कृत्रिम तरीके से धड़कन उत्पन्न करने वाली यह जटिलतम डिवाइस है. इसमे एक स्मार्ट डिवाइस कॉलर बोन के दो-तीन सेन्टीमीटर नीचे एक पॉकेट बनाकर इंप्लांट की जाती है जिससे निकलने वाले तीन इलेक्ट्रिकल वायर हृदय के तीन अलग-अलग हिस्सों को स्टिमूटेल करते हैं. जिससे हृदय सुचारू रूप से अपना काम कर सके.

डॉ. एसके त्रिपाठी एंड टीम की अहम भूमिका

यह जटिल प्रोसीजर करने वाले डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. कुश भगत की प्रॉक्टरशिप में यह सफलता मिली है. जिसमे कैथलैब स्टाफ जयनारायण मिश्रा, सत्यम शर्मा, मनीष और सिस्टर आकांक्षा ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया है.

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