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रीवा प्रशासन अगर इन रिटायर्ड चीफ इंजीनियर की बात मान ले तो जिले में कभी जल संकट नहीं होगा

रीवा प्रशासन अगर इन रिटायर्ड चीफ इंजीनियर की बात मान ले तो जिले में कभी जल संकट नहीं होगा
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रीवा में जलसंकट: रीवा जिले में जल संकट बहुत बड़ी समस्या है, इसका निदान नामुमकिन नहीं है बस प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा

Rewa News: सोमवार 12 जून को रीवा जिले के मऊगंज हनुमना क्षेत्र के कई महत्वपूर्ण माइनर टैंक का सर्वेक्षण किया गया. जिसमें जानकारी प्राप्त हुई कि बांधों का रखरखाव सही ढंग से नहीं किया जा रहा है और उनके मेंटिनेंस के लिए आने वाली राशि का बंदरबांट जल संसाधन विभाग के कमीशनखोर और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से कर लिया जा रहा है। आमतौर पर नहरों और बांधों से संबंधित एक जल उपभोक्ता समिति भी होती है जो बांधों और नहरों की निगरानी करती है और उसका रखरखाव देखती है. लेकिन मौके पर सर्वेक्षण के दौरान जिस प्रकार नहरों और बांधों की दयनीय स्थिति देखने को मिली उससे स्पष्ट है कि इन सबकी मिलीभगत का ही परिणाम है कि आज बांध नष्ट होने की कगार पर हैं और उनमें बूंदों में पानी नहीं है, जगह जगह बांध टूट रहे हैं, भीटो में गड्ढे हो गए हैं और माइनर टैंक भी नष्ट हो रहे हैं।

कैसे बढ़ाई जा सकती है बांधों की जल संग्रहण क्षमता

जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एसबीएस परिहार ने बताया कि जिले के माइनर टैंकों की जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आधा दर्जन से अधिक बांधों का निरीक्षण करने के बाद यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि इन बांधों का रखरखाव सही ढंग से नहीं किया गया है और इनकी क्षमता के अनुरूप जल संग्रहण भी नहीं किया जा रहा है. जिसका नतीजा यह है कि निर्धारित भूमि की सिंचाई नहीं हो पा रही है और मात्र कुछ अंश भाग में ही बड़ी मुश्किल से लोग अपने खेतों की सिंचाई कर पा रहे हैं। किसान भी अपनी जोर जुगत लगाकर काम चला रहे हैं जबकि नहरों के टूटने के कारण उनके खेतों में सीधे नहरों से सिंचाई नहीं हो पा रही है।

वेस्ट बियर की ऊंचाई बढ़ाकर बांधों की जल संग्रहण क्षमता बढ़ाया जाए

एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी से वार्तालाप के दौरान रिटायर्ड चीफ इंजीनियर श्री परिहार ने बताया कि अमूमन बेस्ट बीयर की ऊंचाई बांध की जल संग्रहण क्षमता के अनुरूप रखी जानी चाहिए लेकिन कई बांधों में देखा गया है की बांधों में वेस्ट बियर की ऊंचाई बहुत निचले स्तर पर रखी गई है. जिसकी वजह से बड़े-बड़े बांध भी आधे से कम क्षमता तक ही भर पा रहे हैं। यदि वेस्ट वियर की ऊंचाई बढ़ा दी जाए तो बांधों की जल संग्रहण क्षमता बढ़ जाएगी और ज्यादा क्षेत्र को सिंचाई क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। इन बांधों में जो क्षमता निर्धारित की गई है उसके अनुरूप ही पानी का भराव नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से किसानों की आय तो दुगनी होना दूर उन्हें लागत राशि भी हासिल नहीं हो पा रही है जिससे सरकार की योजनाओं की कलई खुल रही है।

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