रीवा

Rewa: गल्ला मंडी में नहीं होती भीड़, फिर भी गल्ला मंडी बंद, खरीदी केन्द्र में किसान परेशान

Rewa: गल्ला मंडी में नहीं होती भीड़, फिर भी गल्ला मंडी बंद, खरीदी केन्द्र में किसान परेशान
x
रीवा / Rewa News:  कोरोना का हवाला देकर रीवा प्रशासन ने गल्ला मंडी को बंद करवा दिया है। समर्थन मूल्य पर ही केवल किसान अपनी उपज बेंच पा रहे हैं।

रीवा / Rewa News: कोरोना का हवाला देकर रीवा प्रशासन ने गल्ला मंडी को बंद करवा दिया है। समर्थन मूल्य पर ही केवल किसान अपनी उपज बेंच पा रहे हैं। लेकिन जिले में आधे से अधिक किसान ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रशन नही है। वह घर में अनाज रखे मंडी खुलने का इंतजार कर रहे है। खरीदी केन्द्र में बारिश की वजह से तौल प्रभावित हो रही हैं। ऐसे मे किसान चैतरफा मार से परेशान है।

मंडी खुलवाए जिला प्रशासन

किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन मंडी खुलवाए। गल्ला मंडी में सोशल डिस्टेंसिग का पालन आसानी से किया जा सकता है। इसके बाद भी मंडी को बंद करना सर्वथा अनुचित है। गल्ला मंडी में किसान, बया, व्यापारी तथा पल्लेदार के अलावा कोई नही रहता। यहां फुटकर खरीदी तो होती नही कि भीड बढ जायेगी। ऐसे में प्रशासन को अनाज की खरीदी करने के लिए गल्ला मंडी को खोलना चाहिए।

खरीदी केन्द्रों में बढ रही भीड़

गल्ला मंडी बंद होने से किसानो की भारी भीड समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी केन्द्रों में है। जिन किसानो का रजिस्ट्रेशन नही है वह दूसरे किसान के खाते में अपनी उपज बेंचने को मजबूर हो रहे हैं। वही खरीदी केन्द्रों में भी किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

केन्द्रों में मजदूरों की कमी

जानकारी के अनुसार खरीदी केन्द्रेा में मजदूरो की कमी बनी हुई है। ऐसे में जो मजदूर गेहूं की तौल कर रहे है वह किसानों से मनमानी पैसा वसूल रहे हैं। जल्दी बेचने और दूर से एक बार लेकर पहुंचने के बाद किसान भी मजबूरन ज्यादा पैसा दे रहा है।

बारिश से बढ़ी मुश्किल

रीवा जिले के साथ ही समूचे विध्य में बे-मौसम बरसात ने किसनों की मुश्किल को और आधिक बढ़ा दिया हैं। एक ओर गल्ला मंडी बंद है। वहीं दूसरी ओर खुले आसमान के नीचे चल रही शासकीय खरीदी में अनाज खराब हो रहा है।

खरीदी प्रभावित

जानकारी के अनुसार बारिश की वजह से खरीदी केन्द्रों का हाल यह है कि 4 दिन से किसान खरीदी केन्द्र के बाहर ट्रैक्टर लिए खडे हैं। खरदी केन्द्र खुले आसमान के नीचे बारिश से भीगा हुआ हैं। केन्द्र कीचड से सराबोर हैं। ऐसे में न तो खरीदी प्रभारी की हिम्मत पड़ रही तैाल करवाने की और न ही किसान की। क्योंकि जमीन में गिरने वाला अनाज पूरी तरह से खराब हो जायेगा।

Next Story