रीवा

COVID-19 Warriors / इलाज के दौरान खुद कोरोना ग्रस्त हो रहें, लेकिन मरीजों की सेवा में तत्पर है रीवा के चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ

Aaryan Dwivedi
20 April 2021 1:52 PM GMT
COVID-19 Warriors / इलाज के दौरान खुद कोरोना ग्रस्त हो रहें, लेकिन मरीजों की सेवा में तत्पर है रीवा के चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ
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रीवा। चिकित्सक धरती में भगवान का रूप होते हैं। इस बात को कोई नकार नहीं सकता। पूरा विश्व इन दिनों कोरोना का महामारी से जूझ रहा है। वहीं रीवा के संजय गांधी स्मृति अस्पताल (SGMH) एवं श्याम शाह मेडिकल कॉलेज (SSMC) के चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ भी मरीजों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहें हैं। आए दिन चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हो रहें हैं, लेकिन उनका इलाज करने का जज्बा उतना ही अधिक हो रहा है। 

रीवा। चिकित्सक धरती में भगवान का रूप होते हैं। इस बात को कोई नकार नहीं सकता। पूरा विश्व इन दिनों कोरोना का महामारी से जूझ रहा है। वहीं रीवा के संजय गांधी स्मृति अस्पताल (SGMH) एवं श्याम शाह मेडिकल कॉलेज (SSMC) के चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ भी मरीजों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहें हैं। आए दिन चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हो रहें हैं, लेकिन उनका इलाज करने का जज्बा उतना ही अधिक हो रहा है।

डेढ़ सैकड़ा से अधिक चिकित्सक एवं स्टाफ संक्रमित

कोरोना से सीधी जंग लड़ रहें डॉ. इंदुलकर, डॉ. बजाज, डॉ. यत्नेश त्रिपाठी समेत रीवा एसजीएमएच एवं मेडिकल कॉलेज के 150 से अधिक चिकित्सक एवं स्टाफ इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर (Dr Manoj Indulkar) ने बताया कि कोरोना की पहली लहर में 103 मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो चुका है, जबकि दूसरी लहर में आधा सैकड़ा से अधिक स्टाफ वायरस की चपेट में आ चुका है। बावजूद इसके हमारे स्वास्थ्यकर्मी एवं चिकित्सक मरीजों की सेवा के लिए तत्पर हैं।

जिले में अब तक 7,082 संक्रमित

जिले में अब तक 7,082 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 4,948 लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जिले का रिकवरी रेशियो भी काफी अच्छा है। दूसरी लहर काफी खतरनाक एवं पहले से अधिक संक्रामक है। 50 से अधिक लोग इलाज के बाद रोजना ठीक हो रहे हैं।

इलाज में कोताही नहीं

डीन डॉ. मनोज इंदुलकर ने रीवा रियासत को बताया कि मेडिकल कॉलेज में पूरे रीवा संभाग के मरीजों का इलाज होता है, यहां अक्सर दूसरे जिलों के गंभीर रोगियों को रेफर किया जाता है। चिकित्सक एवं मेडिकल स्टाफ का पहला धर्म होता है मरीज का इलाज एवं उसकी जान बचाना। इसी धर्म का पालन हमारे चिकित्सकों द्वारा किया जाता है। कोई भी चिकित्सक नहीं चाहता कि इलाज के दौरान किसी भी मरीज की मृत्यु हो, इसलिए हर चिकित्सक मरीज की जान की सुरक्षा के लिए जी-जान लगा देता है। मरीज के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जाती है।

कोरोनाकाल में हमने कई ऐसे गंभीर संक्रमितों को उनके पैरों में खड़ा कर उनके घर भेजा है, जो संक्रमण के साथ-साथ किसी न किसी गंभीर बीमारी का भी शिकार रहें हैं। हमारे चिकित्सक दिन-रात मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। इलाज के लिए शासन एवं जिला प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है। बेड, ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है साथ ही बेडों की संख्या और अधिक बढ़ाई जा रही है। इसके लिए मप्र के विस अध्यक्ष, रीवा के सभी विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी साथ दे रहें हैं एवं अपने अपने स्तर पर अस्पताल में इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले इंस्टूमेंट आदि की व्यवस्था पर पूर्ण सहयोग कर रहे हैं।

कोरोना महामारी में सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टाफ मरीजों की सेवाओं में लगा हुआ है। डीन डॉ. इंदुलकर द्वारा व्यवस्थाओं एवं इलाज पर बराबर नजर रखी जा रही है एवं उचित निर्देश दिए जा रहे हैं।

कोरोना के इलाज में इन चिकित्सकों की अहम भूमिका

कोरोना महामारी से लड़ने में जहां श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मनोज इंदुलकर और एसजीएमएच अधीक्षक डॉ. एसडी गर्ग चौबीस घंटे मरीजों के इलाज संबंधी निगरानी कर रहे हैं, वहीं उनकी टीम में शामिल डॉ. नरेश बजाज, डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, डॉ. पीके बघेल, नोडल अधिकारी डॉ. असाटी, ऑक्सीजन सप्लाई प्रभारी डॉ. आलोक सिंह एवं डॉ. अवतार सिंह, वेंटीलेटर प्रभारी डॉ. राकेश पटेल, ऑक्सीजन ऑडिटर डॉ. रवि प्रकाश पांडेय, वायरोलॉजी लैब प्रभारी डॉ. अमरेश निगोड़ी, फीवर क्लीनिक प्रभारी डॉ. हरिओम गुप्ता के साथ ही वहां के जूनियर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं सफाई कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स बनकर मरीजों की देखभाल में दिनरात लगे हुए हैं। यही वजह है कि जिस तेजी के साथ संक्रमित मरीज अस्पताल पहुंचते हैं, उसी अनुपात में मरीज ठीक होकर घर भी जा रहें हैं।

30 ऑक्सीजन कांसेन्ट्रेटर मशीनें रीवा पहुंची

डीन डॉ. इंदुलकर ने बताया है कि मंगलवार को 30 ऑक्सीजन कांसेन्ट्रेटर मशीने रीवा पहुंच चुकी हैं। इनके माध्यम से 60 अतिरिक्त बेड को ऑक्सीजन सप्लाई किया जा सकेगा। ये मशीन स्वयं ऑक्सीजन बनायेगें जिससे ऑक्सीजन की कमी नही होगी। इस मशीन को ऑक्सीजन सिलेंडर की ज़रूरत नहीं है। इनके अलावा अभी और मशीनें रीवा आएंगी। - डॉ. मनोज इंदुलकर, डीन, श्यामशाह मेडिकल कॉलेज, रीवा।

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