रीवा

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के डॉक्टर्स का नया कीर्तिमान, दो मरीजों के दिल के सुराग को एक घंटे में भर दिया

सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के डॉक्टर्स का नया कीर्तिमान, दो मरीजों के दिल के सुराग को एक घंटे में भर दिया
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Super Specialty Hospital Rewa: एक मरीज के पास इलाज के पैसे नहीं थे तो उसे आयुष्मान कार्ड की मदद से जरूरी डिवाइस मंगवा ली.

Super Specialty Hospital Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में मौजूद सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल (Super Specialty Hospital Rewa) के डॉक्टर्स ने दो लोगों को जीवनदान दिया। हॉस्पिटल में दिल की बीमारी से जूझ रहे मरीजों का एडवांस लेवल पर इलाज किया गया और पैसों की कमी से ऑपरेशन न करा पाने वाले मरीज की मदद भी की. 2 अक्टूबर के दिन अलग-अलग डॉक्टर्स की टीम ने दो मरीजों के दिल में जो सुराग थे उसे कुशलतापूर्वक भर दिया और उन्हें इस क्रिटिक स्टेज से खींचकर वापस निरोगी बना दिया।

गांधी जयंती के मौके पर सुपर स्पेशिलिटी के डॉक्टर्स ने 20 साल के युवराज और एक दूसरे मरीज का सफल ऑपरेशन किया है. दोनों के दिल में बचपन से ही छेद थे.

युवराज का ऑपरेशन आयुष्मान से हो गया

डॉक्टर्स ने बताया कि 20 साल के युवराज के दिल में बचपन से ही छेद था, इसके बारे में उसे और उसके परिवार को पहले से थी, मगर पैसों की कमी और इलाज में होने वाले खर्च को देखते हुए युवराज ने कभी दिल के सुराग को ट्रीट करने की सोची नहीं। युवराज ने जब डॉ एसके त्रिपाठी (Dr SK Tripathi Rewa) से परामर्श लिया, अपनी हेल्थ और वेल्थ कंडीशन के बारे में उन्हें बताया तो डॉक्टर ने तुरंत युवराज के दिल का छेद बंद करने का प्लान बनाया। इलाज में ज़्यादा खर्च भी नहीं हुआ क्योंकी आयुष्मान कार्ड की मदद से दिल के सुराग को भरने में इस्तेमाल होने वाली मशीन मंगवा ली गई.

डॉ एसके त्रिपाठी ,एसोसिएट प्रोफेसर कार्डियोलॉजी ने PDA Closure कर युवराज के दिल का छेद सिर्फ एक घंटे के अंदर भर दिया, जबकि यह एक जटिल प्रोसीजर था.

दूसरे मरीज को भी जल्दी ठीक कर दिया


इसी तरह दिल में सुराग वाला दूसरा केस डॉ हिमांशु गुप्ता (Doc Himanshu Gupta Rewa) और डॉ वीडी त्रिपाठी (Doc VD Tripathi Rewa) के पास आया. और उन्होंने ने भी ASD Closure से मरीज के दिल के सुराग को भर कर उसे पूरी तरह फिट कर दिया।

इन दोनों जटिल ऑपरेशंस में विभागाध्यक्ष डॉ वीडी त्रिपाठी, सुपरिटेंडेंट अक्षय श्रीवास्तव और डीन डॉ देवेश श्रीवास्तव का अथक प्रयास रहा, डॉक्टर्स की टीम ने कैथलैब टेक्नीशियन जय नारायण मिश्र, सत्यम शर्मा, सुमन , मनीष तिवारी और नर्सिंग स्टाफ इंद्रभान माझी को भी इस सफल सर्जरी का श्रेय दिया।

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