
- Home
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- रीवा
- /
- मुकुंदपुर को रीवा जिले...
मुकुंदपुर को रीवा जिले में शामिल करने के प्रस्ताव के बीच डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का टाइगर सफारी दौरा, सतना-मैहर के नेताओं की भौहें तनी

रीवा. मैहर जिले की मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी में रविवार को डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पहुँचे। उनका ये दौरा ऐसे समय हुआ है, जब मुकुंदपुर को मैहर से अलग करके रीवा जिले में मिलाने का प्रस्ताव आया है और इसका सियासी विरोध हो रहा है।
उन्होंने सफ़ेद शेर ‘मोहन’ को देखा और उसकी देखभाल, साथ ही खाने-पीने के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने सफारी में घूमकर वहाँ की व्यवस्थाओं को भी परखा। डिप्टी सीएम ने सफारी में बने रेप्टाइल हाउस (साँपों का घर) का भी जायज़ा लिया।
मुकुंदपुर को लेकर छिड़ी है सियासी जंग
विंध्य का गौरव मानी जाने वाली प्रदेश की इकलौती व्हाइट टाइगर सफारी, मुकुंदपुर, इस समय राजनीति का अखाड़ा बन गई है। एक तरफ नेता अपने इलाके में इसका दबदबा बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ यहाँ के लोग विकास की उम्मीद में पाला बदलने को तैयार हैं। मुकुंदपुर और उसके आस-पास के छह गाँवों को लेकर रीवा और मैहर-सतना के बीच चल रही इस लड़ाई ने वहाँ के लोगों को उलझन में डाल दिया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मैहर के अतिरिक्त कलेक्टर ने अमरपाटन के राजस्व अधिकारी को एक चिट्ठी भेजी। इसमें मुकुंदपुर के साथ-साथ धौबहट, आमिन, परसिया, आनंदगढ़ और पपरा गाँवों को रीवा जिले में मिलाने को लेकर लोगों से राय मांगी गई थी।
इस चिट्ठी के सामने आने के बाद सतना के सांसद गणेश सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर इन गाँवों को रीवा में शामिल करने का विरोध किया। वहीं, मैहर के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी ने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर मुकुंदपुर को अपने कब्ज़े में लेने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, मैहर विधायक ने कहा है कि अगर मुकुंदपुर को मैहर से अलग किया गया, तो वे जेल भरो आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों की राय: रीवा में जुड़ने से होगा फायदा
मुकुंदपुर के लोगों का कहना है कि उनके ज़्यादातर काम रीवा जाए बिना नहीं होते। वे कहते हैं, "मैहर-सतना तो हमारे लिए एक मजबूरी है, जिला मुख्यालय होने की वजह से आधिकारिक काम के लिए हमे वहीं जाना पड़ता है। जबकि बाजार, अस्पताल और अन्य काम के लिए हमें रीवा ही सबसे अच्छा है, नजदीक भी है।" उनका मानना है कि सतना और मैहर के नेताओं ने कभी उन पर ध्यान नहीं दिया और न ही उनके इलाके का विकास किया। वे सवाल करते हैं, "जो नेता 5 साल में एक बार वोट मांगने आते हैं, वो अब कह रहे हैं कि मुकुंदपुर को नहीं देंगे। आखिर अचानक उनका प्यार क्यों उमड़ आया?" ग्रामीणों का मानना है कि "मुकुंदपुर के लिए जो कुछ भी हुआ, वह रीवा के नेता खासकर की डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने ही किया है। आज एक बार फिर व्हाइट टाइगर सफारी के जरिए मुकुंदपुर की पहचान दुनिया भर में बन गई है, उसका श्रेय डिप्टी सीएम को ही जाता है। इसलिए अगर मुकुंदपुर को रीवा में मिलाया जाता है, तो यह सबसे अच्छा फैसला होगा।"
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहाँ का दौरा किया?
डिप्टी सीएम ने मैहर जिले के मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी का दौरा किया।
2. मुकुंदपुर को लेकर क्या विवाद चल रहा है?
प्रशासन ने मुकुंदपुर और उसके आस-पास के 6 गाँवों को मैहर से अलग करके रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, जिसका कुछ राजनेताओं द्वारा विरोध हो रहा है।
3. ग्रामीण इस विवाद पर क्या सोचते हैं?
ग्रामीण चाहते हैं कि मुकुंदपुर को रीवा जिले में शामिल किया जाए, क्योंकि उनके ज़्यादातर काम रीवा से ही जुड़े हैं और उन्हें लगता है कि रीवा विधायक और डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने उनके इलाके के विकास पर ज़्यादा ध्यान दिया है।
Rewa Riyasat News
2013 में स्थापित, RewaRiyasat.Com एक विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है जो पाठकों को तेज़, सटीक और निष्पक्ष खबरें प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय घटनाओं तक की भरोसेमंद जानकारी पहुंचाना है।




