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रीवा के जनभागीदारी अतिथि विद्वानों की मांग: अतिथि विद्वानों के समान वेतन, अवकाश एवं अन्य लाभ दिलाया जाय; जनसंपर्क मंत्री से मिलें, मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा

रीवा जिले के शासकीय महाविद्यालयीन जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने मांग की है किसीएम शिवराज द्वारा ऐलान किए गए अतिथि विद्वानों के वेतन, अवकाश आदि का लाभ उन्हें भी दिलाया जाय.
बीते 11 सितंबर को सीएम शिवराज ने भोपाल में आयोजित अतिथि विद्वानों की महापंचायत में कई अहम घोषणाएं की थी. पंचायत में एलान किया कि सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार रुपए तक होगा. शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा भी मिलेगी. इसके अलावा अतिथि विद्वानों को स्थानांतरण के लाभ दिलाए जाने की भी बात सीएम ने कही थी. लेकिन इन लाभों से शासकीय महाविद्यालयों में सेवा दे रहें 'जनभागीदारी अतिथि विद्वान' वंचित रह गए हैं.
शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानो की रीवा इकाई ने आज बुधवार को कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर सीएम, उच्च शिक्षा मंत्री एवं आयुक्त शिक्षा विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा है और मांग की है की अतिथि विद्वानों को जो लाभ देने की घोषणा सीएम शिवराज सिंह द्वारा की गई है, वह उन पर भी लागू की जाय.
जनसम्पर्क मंत्री से मिलें जनभागीदारी अतिथि विद्वान
अपनी मांगो को लेकर जनभागीदारी स्ववित्तीय अतिथि विद्वानों ने राज्य के जनसम्पर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल से मुलाक़ात की. श्री शुक्ल ने अतिथि विद्वानों को शासन के सभी लाभ दिलाए जाने के लिए आश्वस्त किया और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
अतिथि विद्वानों के लिए सीएम शिवराज की घोषणा
- अब कोई भी अतिथि विद्वान, व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है, उसे बाहर नहीं किया जाएगा.
- अतिथि विद्वानों के लिए फालेन आउट की नौबत न आए, इस पर हम कार्य कर रहें हैं.
- अतिथि विद्वानों को घंटे या कार्यदिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा. जो 50 हजार रुपए होगा.
- अन्य शासकीय सेवकों के समान अतिथि विद्वानों को भी अवकाश की सुविधा दी जाएगी.
- अथिति विद्वानों को महाविद्यालयों में स्थानांतरण की सुविधा मिलेगी.
- पीएससी की परीक्षाओं में अतिथि विद्वानों के लिए 25 फीसदी पद आरक्षित किए जाएंगे.
- फालेन आउट अतिथि विद्वानों को वापस रिक्त पदों पर आमंत्रित किया जाएगा.




