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Bangla Paan: विश्व प्रसिद्ध रीवा की पहचान बंगला पान पर संकट के बादल, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका तक इसकी पहुँच, औषधी से कम नही

Bangla Paan: विश्व प्रसिद्ध रीवा की पहचान बंगला पान पर संकट के बादल, भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका तक इसकी पहुँच, औषधी से कम नही
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MP Rewa News: रीवा के महंसाव गांव में तैयार किया जाने वाला बंगला पान अब विलुप्त होता जा रहा है.

Rewa Ka Famous Bangla Paan: विश्व प्रसिद्ध रीवा के बंगला पान पर संकट के बादल मंडरा रहे है। जिले के महसांव-गुढ़ में तैयार होने वाले बंगला पान की खेती (Bangla Paan Farming In Rewa) लगातार किसान कम करते जा रहे हैं। वजह है कि पान का बाजार न सिर्फ कमजोर होता जा रहा है बल्कि प्रकृति मार एवं प्रशासनिक उदासीनता के चलते भारत सहित दुनिया के कई देशों तक पहुँचने वाले इस पान को लेकर यहाँ के किसानों में पान की खेती करने में रूचि घटने लगी है।

बंगला पान की डिमांड क्यों कम हो रही है?

Bangla Paan demand decreasing Reason?: पान की डिमांड लगातर घट रही है। इसके पीछे शासन की उदासीनता के साथ ही गुटखा को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। आज बाजार में तरह-तरह के गुटखा आ जाने से लोग पान का बीरा लगाने की बजाए गुटखा पाउच का ज्यादा उपयोग करने लगे है। बंगला पान लोगो की पसंद होने के बाद भी उसका बाजार कमजोर होने लगा है। पान की मांग कम होने से सुपारी, लौंग, कत्था व उसमें मिलाया जाने वाला अन्य मसाले पर भी असर पड़ रहा है।

आयोजनों में पान की होती है शोभा

Other Uses of Bangla Paan: रीवा जिला ही नही भारत व अन्य देशों में लोगो के यहाँ होने वाले आयोजनों में पान को लेकर लोगों की विशेष रूचि रहती है। इतना ही नही तरह-तरह के पान पत्ते और उसमें उपयोग किए जाने वाले मसालों की सजावट भी अतिथियों को आकर्षित करते आ रहे है।

किसानों को रोजगार का संकट

Impact on farmers due to low demand: पान की खेती से महसांव आदि क्षेत्रों के किसानों को रोजगार का संकट बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल महसांव व गुढ़ क्षेत्र में निवास करने वाले चौरसिया सामाज के किसानों का पान की खेती पुस्तैनी धंधा है। जिससे उनका पूरा परिवार काम करता था और इस व्यवसाय से उनका घर परिवार की रोजी-रोटी चलती थी, लेकिन पान की मांग कम होने से किसान परिवार चितिंत है। ऐसे में शासन-प्रशासन को इस दिशा में भी कदम उठाने की जरूरत है।

औषधी से भी है पहचान

Bangla Paan medicinal use: बंगला पान स्वाद में तो भरपूर होता ही है, यह औषधी के रूप में पहचाना जाता है। जानकारों का कहना है कि पान के हरे-हरे पत्तों में क्लोरोफिल पाया जाता है। जो कि हीमोग्लोबिन को ठीक करता है तो मुंह में होने वाली बीमारियों के लिए भी पान कई तरह से लाभकारी है। पान के साथ उपयोग होने वाला चूना कैल्सियम बनाता है तो लौंग, कत्था व अन्य मसाला कई तरह से औषधी के रूप में काम करते है।

वर्जन

वर्षो से पान का व्यवसाय करने वाले रामसजीवन चौरसिया ने बताया कि बंगला पान सबसे ज्यादा पान शौकीनों की पसंद है। यह सही है कि अब पान की मांग लगातार कम हो रही है। इससे किसान और व्यापारी दोनों प्रभावित हो रहे है।
Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

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