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रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के नाम 10000 रूपए का जमानती वारंट, हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पड़ी महंगी, जानिए पूरा मामला...

रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के नाम 10000 रूपए का जमानती वारंट, हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पड़ी महंगी, जानिए पूरा मामला...
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हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को महंगा पड़ गया।
Rewa Collector Pratibha Pal: हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करना रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को महंगा पड़ गया। नाराज कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी कर कलेक्टर को 11 फरवरी 24 को तलब किया है। मामला रायपुर कर्चुलियान तहसील में पदस्थ एक से राइटर के नियमितीकरण से जुड़ा है।
कोर्ट ने यह आदेश एक अवमानना याचिका की सुनवाई में दिया है। दरअसल रायपुर कर्चुलियान तहसील में पदस्थ सेक्शन राइटर उमेश तिवारी 1997 साल से राजस्व विभाग में पदस्थ किया गया था। राज्य शासन के एक आदेश पर 2012 में कुशल श्रमिक के मानदेय पर दैनिक वेतन भोगी बन दिया गया।
वर्ष 2016 में ऐसे कर्मचारियों को स्थाई कर्मी बनाए जाने का आदेश राज्य शासन द्वारा जारी किया गया। जिसके तहत जब रीवा जिला प्रशासन द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया तो उमेश तिवारी ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर 60 दिन के भीतर स्थाई कर्मी बनाए जाने का ओदश दिया।

लेकिन कलेक्टर रीवा ने हाईकोर्ट उक्त आदेश का पालन नहीं किया लिहाजा याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका प्रस्तुत लगा दी। हाई कोर्ट ने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को फिर से 30 दिन का समय देते हुए आदेश का पालन का निर्देश दिया। जब अवमानना याचिका के आदेश पर भी कोई अमल नहीं हुआ तो न्यायमूर्ति द्वरिकाधीश बंसल की अदालत ने कलेक्टर प्रतिभा पाल को व्यक्तिगत रूप से जमानती वारंट जारी करते हुए 11 फरवरी 24 के तलब किया है। इसके पीछे स्थापना शाखा की गड़बड़ी सामने आई है। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट में रीवा निवासी अरुणोदय सिंह 'अंकुर' ने पैरवी की।

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