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रीवा में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एक और कार्डियोलॉजिस्ट ने दिया इस्तीफा

Sanjay Patel
16 Sep 2023 10:01 AM GMT
रीवा में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एक और कार्डियोलॉजिस्ट ने दिया इस्तीफा
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Rewa News: मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चिकित्सकों के इस्तीफा देने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां लगातार चिकित्सक परेशान होकर नौकरी त्याग रहे हैं।

मध्यप्रदेश के रीवा स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चिकित्सकों के इस्तीफा देने का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां लगातार चिकित्सक परेशान होकर नौकरी त्याग रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से अब एक और कार्डियोलॉजिस्ट ने अपना इस्तीफा दे दिया है। जिसने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। यह पहला अवसर नहीं है जब यहां चिकित्सक ने अपना इस्तीफा दिया है। इसके पूर्व चिकित्सकों द्वारा अपने इस्तीफे दिये जा चुके हैं।

शर्तों का पालन नहीं करने का आरोप

रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में वैसे ही चिकित्सकों की भारी कमी है। अलग-अलग विभाग में चिकित्सकों के 79 पद खाली है। कुछ चिकित्सकों के भरोसे ही मरीजों का उपचार हो पा रहा है। लेकिन इन चिकित्सकों को भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन नहीं रोक पा रहा है। चिकित्सकों ने आरोप लगाया की यहां शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते चिकित्सक नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं। अब कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है। इस संबंध में उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन व अस्पताल अधीक्षक को पत्र दे दिया है। दरअसल यह स्थिति प्रमोशन नहीं मिलने से निर्मित हो रही है।

अब तक इन्होंने छोड़ी नौकरी

अस्तपाल प्रबंधन से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिन चिकित्सकों को आठ माह पहले ही प्रमोशन दे दिया जाना चाहिये, वे अभी भी इंतजार में है। कई बार इस संबंध में प्रबंधन उनके द्वारा बातचीत भी की गई किंतु केवल आश्वासन ही दिया गया। जिसकी वजह से चिकित्सक लगातार नौकरी छोड़ रहे हैं। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की अव्यवस्था से परेशान होकर अब तक चार डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ दी है। नौकरी छोड़ने वालों में डॉ. सुमित प्रताप सिंह, डॉ. लल्लन प्रताप सिंह, डॉ. अंकित सिंह और अब डॉ. हिमांशु गुप्ता शामिल हो गए हैं। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभागजहां प्रदेश भर में मजबूत स्थिति में था। अब यहां डॉक्टरों का ही संकट खड़ा हो गया है। यदि जल्द ही इस अव्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो विभाग पर ताला लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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