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रीवा के लाल अंकित मिश्रा को लगातार दूसरी बार MPT ट्रैवल मार्ट इन्फ्लुएंसर मीट में सम्मान: छोटे गाँव ढखरा से राष्ट्रीय पहचान तक का सफ़र

रीवा, मध्य प्रदेश। यह साबित हो गया है कि प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। रीवा ज़िले के छोटे से गाँव ढखरा के निवासी अंकित मिश्रा ने अपनी लगन और डिजिटल माध्यम का सही उपयोग करके इस बात को सच कर दिखाया है। उन्हें मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित "MPT ट्रैवल मार्ट इन्फ्लुएंसर मीट 2025" में लगातार दूसरी बार प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
छोटे शहर की गूँज
पूरे मध्य प्रदेश से चुने गए 100 प्रमुख इन्फ्लुएंसर्स की सूची में अंकित मिश्रा का चयन उनकी कड़ी मेहनत और रचनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। अंकित के इंस्टाग्राम पेज आज महज़ एक सोशल मीडिया अकाउंट नहीं, बल्कि रीवा और समूचे बघेलखंड क्षेत्र की संस्कृति, इतिहास, पर्यटन स्थलों और लोक परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाला एक सशक्त मंच बन गया है।
रीवा की प्राचीन धरोहर वेंकट भवन हो, प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर केओटी जलप्रपात हो, या शहर की आधुनिकता के साथ उसकी जड़ों को प्रदर्शित करने का काम हो, हर पहलू को प्रभावी ढंग से दुनिया के सामने रखा है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश पर्यटन ने उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को लगातार दूसरी बार मान्यता दी है।
दोहरी खुशी: सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान के लिए भी सम्मान
अंकित मिश्रा के लिए यह सम्मान दोहरी खुशी लेकर आया। MPT अवार्ड के साथ ही, उन्हें इसी दिन विजया दशमी उत्सव समिति, रीवा द्वारा उनके सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान के लिए भी सम्मानित किया गया। यह स्थानीय और राज्य स्तर, दोनों पर उनके प्रति रीवा शहरवासियों के गर्व और सम्मान को और भी बढ़ा देता है।
यह सम्मान पूरे रीवा और ढखरा गाँव का है
सम्मान मिलने के बाद अंकित मिश्रा ने अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि पूरे रीवा और मेरे गाँव ढखरा का है। इंटाग्राम पेज के माध्यम से मेरा एक ही उद्देश्य है कि लोग हमारे शहर की खूबसूरती, संस्कृति और पहचान को करीब से जानें। मैं चाहता हूँ कि रीवा पर्यटन मानचित्र पर उस ऊँचाई तक पहुँचे, जिसका वह वास्तव में हक़दार है।”
अंकित की यह यात्रा रीवा के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। उनका यह कदम यह दिखाता है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र की कला, संस्कृति और इतिहास को न केवल प्रमोट कर सकता है, बल्कि उसे राष्ट्रीय पहचान भी दिला सकता है।
रीवा जैसे उभरते शहर की पहचान को राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने वाले इस युवा के सम्मान पर रीवा सहित पूरे बघेलखंड में बधाई संदेशों का तांता लगा हुआ है।




