रीवा

दुकान आवंटन के नाम पर लाखों की ठगी का आरोप, सीईओ ने थमाई नोटिस

News Desk
10 March 2021 9:37 AM GMT
दुकान आवंटन के नाम पर लाखों की ठगी का आरोप, सीईओ ने थमाई नोटिस
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रीवा। गंगेव जनपद के सरपंचो द्वारा किये गये भ्रष्ट्रचार का मामला सामने आया था। जिसका निराकरण हो नहीं पाया तो वहीं सोमवार को रीवा जनपद के दुआरी सरपंच नरेंद्र शुक्ला द्वारा शौचालय हटाये जाने पर दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये लोकायुक्त द्वारा पकड़े जाने की खबर ने लोगो को अचंभित कर दिया। भ्रष्ट्राचारी सरपंच एंव सचिवों की कहानी यहीं खत्म भी नहीं हुई कि जवा जनपद क्षेत्र में पंचायत सचिव द्वारा हितग्राहियों से छलावा कर लाखों रुपये की ठगी किये जाने का मामला सामने आ गया।

रीवा। गंगेव जनपद के सरपंचो द्वारा किये गये भ्रष्ट्रचार का मामला सामने आया था। जिसका निराकरण हो नहीं पाया तो वहीं सोमवार को रीवा जनपद के दुआरी सरपंच नरेंद्र शुक्ला द्वारा शौचालय हटाये जाने पर दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये लोकायुक्त द्वारा पकड़े जाने की खबर ने लोगो को अचंभित कर दिया। भ्रष्ट्राचारी सरपंच एंव सचिवों की कहानी यहीं खत्म भी नहीं हुई कि जवा जनपद क्षेत्र में पंचायत सचिव द्वारा हितग्राहियों से छलावा कर लाखों रुपये की ठगी किये जाने का मामला सामने आ गया।

मामला जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत जवा का है। जहां तत्कालीन सचिव सुनील तिवारी निवासी बरहुला पर दुकान आवंटन के नाम पर लगभग 12 लाख रुपये की ठगी किये जाने का मामला आलोक में आया है। जिसकी शिकायत पर जनपद सीईओ अरुण भारद्वाज ने सोमवार को सचिव सुनील तिवारी एंव सरपंच दादूराम को नोटिस जारी करते हुये आवंटित की हुई 20 दुकानों के संबंध में सारे दस्तावेज साथ जवाब मांगा है। गौरतलब है कि जवा ग्राम पंचायत में गांधी चबूतरा के पीछे आराजी नबंर 1581 एंव 1582 में पब्लिक मार्जिन मनी योजना के तहत 20 दुकानों का निर्माण करवाया गया। जिसकी दुकान लेने की इच्छुक लोगों को बकायदा पंचायत कोष में राशि जमा किये जाने हेतु 26 जून 2019 को निविदा निकाली गई थी।

निविदा के अनुसार स्थानीय लोगों ने सचिव सुनील तिवारी से मिल कर दुकान के लिये योजना के अनुसार राशि जमा की। कोई 90 हजार जमा किया तो कोई 30 से 40 हजार रुपये सचिव को दिये। मजे की बात तो यह है सचिव सुनील तिवारी ने सभी हितग्राहियों से पैसे या चेक लेकर ग्राम पंचायत जवा की रशीद थमाई लेकिन ग्राम पंचायत के कोष में राशि जमा नहीं की।

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