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रीवा निगमायुक्त संस्कृति जैन का एक्शन, जांच में खुली पोल, घूसखोर वार्ड प्रभारी को किया निलंबित

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Rewa Nagar Nigam News: जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है की रीवा नगर निगम में भ्रष्टाचारियों ने गहरी जड़े जमा रखी हैं.

Rewa Nagar Nigam News: जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है की रीवा नगर निगम में भ्रष्टाचारियों ने गहरी जड़े जमा रखी हैं। बिना पैसे के लेनदेन किए यहां हवा भी अंदर बाहर नहीं आ जा सकती। लगातार शिकायत मिलने के बाद भी कई बार कार्यवाही न होने से भ्रष्टाचारियों का यह पौधा लगातार फल फूल रहा था। लेकिन जब से रीवा नगर निगम की कमान निगमायुक्त संस्कृति जैन ने संभाली है तब से भ्रष्टाचारियों पर लगातार कार्यवाही हो रही है। हाल के दिनों में निगमायुक्त को शिकायत प्राप्त हुई कि एक वार्ड प्रभारी मकान का टैक्स जमा करवाने के नाम पर स्वयं के खाते पर पैसे ले रहा है। इस पर जांच करवाई गई और सारा भेद खुल गया। जिस पर निगमायुक्त ने कार्यवाही करते हुए वार्ड प्रभारी को निलंबित कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार नगर निगम रीवा के वार्ड क्रमांक 38 उपरहटी में तैनात मुहर्रिर सत्य विजय सिंह द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिसकी सीधी शिकायत निगम आयुक्त से की गई। जांच के बाद सारा भेद खुल गया और मुहर्रिर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

वार्डवासी ने की शिकायत

जानकारी के अनुसार अमित कुमार तिवारी निवासी वार्ड क्रमांक 38 उपरहटी जो पेशे से अधिवक्ता हैं इन्होंने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि मकान का टैक्स जमा करने के नाम पर निगम के मुहर्रिर सत्यविजय सिंह द्वारा अपने फोन पे पर 1000 रुपए लिए गए हैं। इन पैसों की रसीद संबंधित व्यक्ति द्वारा नहीं दी गई।

जांच का दिया आदेश

निगम आयुक्त श्रीमती संस्कृति जैन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। साथ ही शिकायतकर्ता को भरोसा दिलाया गया कि वह अवश्य ही जांच कर भ्रष्टाचारी पर कार्यवाही करेंगी। अधिकारियों द्वारा किए गए जांच पर मुहर्रिर द्वारा फोन पे के माध्यम से 1000 रुपए लेना पाया गया।

निलंबित हुआ मुहर्रिर

बताते हैं कि जैसे ही जांच रिपोर्ट निगमायुक्त संस्कृति जैन के पास पहुंची उन्होंने तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए मुहर्रिर को निलंबित कर दिया है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि उनके रहते रीवा नगर निगम में घूसखोरी नहीं चलेगी। यह एक गंभीर अपराध है। इसे जितनी जल्दी हो सके नगर निगम के कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली से अलग कर दें। अन्यथा बड़ी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

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