रीवा

2016 में रीवा में आई थी बाढ़, इस बार फिर आ सकती है, मास्टर प्लान हुआ तैयार, ये रहेगी व्यवस्था...

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:07 AM GMT
2016 में रीवा में आई थी बाढ़, इस बार फिर आ सकती है, मास्टर प्लान हुआ तैयार, ये रहेगी व्यवस्था...
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रीवा। बरसात के दिनों में आने वाली बाढ़ को लेकर अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके लिए जिला स्तर पर जरूरतों के हिसाब से एक्शन प्लान बनाया जाएगा, जिसकी जानकारी शासन को भी भेजनी होगी।

इस प्लान की आवश्यकताओं के अनुसार संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे। इस एक्शन प्लान में पूर्व में आई बाढ़ों को ध्यान में रखते हुए उनकी प्रमुख वजहों से बचने का प्रयास भी करने का प्रावधान किया जाना है। रीवा शहर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र रहा है। यहां पर कई बार बरसात के दिनों में बाढ़ आ चुकी है, हजारों की संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इसके बावजूद अब तक शहर में रेस्क्यू के लिए विशेष संसाधन नहीं जुटाए जा सके हैं। वर्ष २०१६ में शहर में बाढ़ आई, जिससे आधा शहर प्रभावित हो गया। हालांकि प्रशासन ने सतर्कता दिखाई और रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना का हेलीकाप्टर बुला लिया था, इस वजह से अधिक परेशानी नहीं हुई लेकिन इसके बाद व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। हाल ही में शासन का निर्देश आया है कि राहत शिविर बनाए जाएं और मानसून सक्रिय होते ही कंट्रोल रूम भी स्थापित हों ताकि लोगों की समस्याओं की जानकारी मिलती रहे।

- बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं नगर निगम के पास बाढ़ के दौरान रेस्क्यू के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है। अब भी पहले की तरह निगम के कर्मी वार्डों में फावड़ा और तगाड़ी लेकर ही पहुंचेंगे। पूर्व में आई बाढ़ के दौरान भी संसाधनों की कमी के चलते समस्याएं आई थी। इसके बाद दो मोटरबोट शासन की ओर से उपलब्ध कराए गए थे। चार नाव, तीन जेसीबी और तीन ट्रेक्टर ही कुल संसाधन के नाम पर है। निगम अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति में निगम के टैम्पो और कचरा वाहनों को भी उपयोग में लिया जाएगा। साथ ही प्राइवेट लोगों की मदद ली जाएगी।

- स्थानीय लोगों का लिया जाएगा सहयोग बाढ़ की आपदा से बचाने के लिए कुछ दिन पहले ही शासन की ओर से निर्देश आया है कि स्थानीय स्तर पर सहयोग लेने के लिए लोगों को चिन्हित किया जाए। इसमें सामाजिक संगठनों के लोग शामिल होंगे। साथ ही तैराकी में एक्सपर्ट लोगों को भी जोड़ा जाना है। निगम का दावा है कि करीब दर्जन भर की संख्या में बिछिया, निपनिया, पुष्पराज नगर, कबाड़ी मोहल्ला आदि स्थानों के युवकों को चिन्हित किया गया है। ये तैराकी में एक्सपर्ट हैं, जरूरत पडऩे पर इनका सहयोग लिया जाएगा।

- शहर के साथ ही तराई अंचल भी है प्रभावित रीवा शहर से बीहर और बिछिया दो प्रमुख नदियां बहती हैं। इसके साथ ही शहर के नाले भी बाढ़ की वजह बनते हैं। वहीं जिले का तराई अंचल भी बाढ़ प्रभावित हिस्से के रूप में चिन्हित है। यहां पर बीहर और टमस नदी का जब जलस्तर बढ़ता है या फिर यूपी के बेलन नदी में पानी अधिक होने पर टमस की धार रुकने लगती है तो बाढ़ आती है। जिससे त्योंथर, जवा, चाकघाट आदि का हिस्सा प्रभावित होता है। पूर्व में १९९७, २००३ एवं २०१६ में बाढ़ आ चुकी है। उसे ध्यान में रखते हुए अब एक्शन प्लान बनाना है।

- नालों की नहीं हुई अब तक सफाई बीते कुछ वर्षों से शहर के नालों की सफाई के लिए गर्मी के दिनों में अभियान चलाया जाता रहा है। इस वर्ष अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है। अमहिया नाले में चारों ओर से अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है, इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके चलते बरसात के दिनों में परेशानी बढ़ेगी। अन्य कई नालों में भी मलबा जमा है, जिसे नहीं हटाया गया है। - हमने पहले से ही एक्शन प्लान बना रखा है। इसी के तहत नदी में नाव चलवाकर उनका परीक्षण कर रहे हैं। नालों की सफाई, राहत शिविरों, सहयोग के लिए आम लोगों को जोडऩे की प्रक्रिया जारी है। कुछ संसाधनों की जरूरत है, जिसके बारे में शासन को लिखा जाएगा। सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम

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