रीवा

Central Jail Rewa: रीवा के केन्द्रीय जेल से 13 बंदियों को मिली रिहाई, अच्छे चाल-चलन पर सजा हुई माफ

Sanjay Patel
16 Aug 2023 10:54 AM GMT
Central Jail Rewa: रीवा के केन्द्रीय जेल से 13 बंदियों को मिली रिहाई, अच्छे चाल-चलन पर सजा हुई माफ
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Rewa News: मध्यप्रदेश के रीवा स्थित केन्द्रीय जेल से 13 बंदियों को रिहाई दी गई। स्वतंत्रता दिवस पर अच्छे चाल-चलन को देखते हुए कैदियों की सजा माफ की गई।

मध्यप्रदेश के रीवा स्थित केन्द्रीय जेल से 13 बंदियों को रिहाई दी गई। स्वतंत्रता दिवस पर अच्छे चाल-चलन को देखते हुए कैदियों की सजा माफ की गई। स्वतंत्रता दिवस से पूर्व जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा पर राज्य शासन ने इस पर मुहर लगा दी थी। जिसके बाद बंदियों को रिहा किया गया। 15 अगस्त को रिहाई के मौके पर बंदियों को श्रीफल, रिहाई प्रमाण पत्र और पारिश्रमिक राशि की बैंक पासबुक प्रदान की गई।

रीवा जेल से ये बंदी हुए रिहा

रीवा केन्द्रीय जेल से जिन बंदियों को 15 अगस्त के मौके पर रिहा किया गया है। उनमें विष्णु कोल पिता समनू 52 वर्ष अरझुला जिला शहडोल, दद्दी बैगा पिता रामकुमार बैगा 47 वर्ष निवासी बड़ागांव जिला उमरिया, अरविंद कुमार पिता अंगीरा प्रसाद चतुर्वेदी 55 वर्ष निवासी गीडा जिला सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह पिता ललन सिंह गोंड 35 वर्ष निवासी झारा भरका टोला जिला सिंगरौली, नर्मदा सिंह पिता नंदलाल सिंह 44 वर्ष निवासी झारा करवाही टोला जिला सिंगरौली, धर्मेन्द्र पिता मोहर सिंह 35 वर्ष निवासी झारा खिसोरी टोला जिला सिंगरौली, राजमणि गोंड पिता कालिका सिंह गोंड 37 वर्ष निवासी लगावर जिला शहडोल, अर्जुन सिंह पिता गेंद सिंह 39 वर्ष निवासी भलवार जिला अनूपपुर, रावेन्द्र पटेल पिता बंटन पटेल 57 वर्ष निवासी बंसेडा जिला रीवा, रज्जा पिता अनिका 49 वर्ष निवासी धोरहा जिला मऊगंज, विश्वनाथ पिता रामविश्वास दाहिया 49 वर्ष निवासी खड्डा जिला रीवा, राजकुमार पाठक पिता शिवकुमार पाठक 39 वर्ष निवासी पलहान जिला रीवा और अमेल कोल पिता भंगिया कोल 37 वर्ष निवासी पथरहटा जिला उमरिया शामिल हैं।

वर्ष भर में चार बार होती है रिहाई

ऐसे बंदी जो आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे होते हैं उनकी सजा पूरी होने, उनके अच्छे आचरण सहित जेल मेनुअल में बताए गए नियमों के आधार पर उनकी रिहाई होती है। वर्ष भर में बंदियों को चार बार रिहाई मिलती है। जेल में बंद बंदियों को जेल मेनुअल के हिसाब से मप्र शासन रिहा करता है। पूर्व में साल भर में केवल दो बार ही बंदियों को रिहा किया जाता था। किंतु अब चार बार रिहा होने का अवसर मिलता है। जिसमें 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर गांधी अयंती और 14 अप्रैल अम्बेडकर जयंती शामिल हैं।

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