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जल निकासी नाला बनाने गया था निगम अमला, जेसीबी के सामने बैठ गई महिलाएं, जानिए क्या है कारण...

रीवा. वार्ड क्रमांक 38 में जलभराव से वार्डवासियों को छुटकारा दिलाने निगम प्रशासन सहित जिला प्रशासन के अधिकारी पुलिस बल के साथ मंगलवार को रानीतालाब के पास पहुंचे। यहां प्राइवेट भूमि में नाला खोदकर जलनिकासी की व्यवस्था बनाने की बात निगम अधिकारी कर रहे थे, जबकि स्थानीय लोगों सहित भूमि मालिक ने इसका विरोध किया। इसके बावजूद जब निगम अमला नाला खोदने पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और महिलाएं जेसीबी के सामने जाकर बैठ गईं। विवाद बढ़ता देख अमला वापस लौट आया।
बताया गया कि वार्ड 38 चुनहाई कुएं के समीप हर वर्ष हल्की बरसात के बाद जलभराव हो जाता है और पानी घरों में घुसने लगता है। निगम ने इसके लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था पिछले कई वर्षों में नहीं की। इसी बात को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश था। सोमवार को नाला खोदने पहुंचे निगम अमले को स्थानीय लोगों द्वारा वापस लौटा दिए जाने के बाद मंगलवार को निगम अमला जिला प्रशासन अधिकारियों सहित पुलिस बल के साथ फिर पहुंचा। हालात वही थे, निगम अमले के पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। जैसे ही निगम की जेसीबी खुदाई के लिए आगे बढ़ी, स्थानीय महिलाएं जेसीबी के सामने जाकर बैठ गईं। इसके बाद विवाद बढ़ता देख अधिकारी बिना जलनिकासी व्यवस्था बनाए वापस लौट आए। इस दौरान निगम आयुक्त आरपी सिंह, सहायक यंत्री एचके त्रिपाठी, अतिक्रमण प्रभारी राजेश चतुर्वेदी, रावेन्द्र शुला सहित जिला प्रशासन अधिकारी व पुलिस बल मौजूद रहा।
कुछ पक्ष में, कोई विरोध में नाला खुदाई को लेकर निगम सहित जिला प्रशासनके अधिकारी भूमि मालिकों को इस भूमि से नाला निकालने के बदले मुआवजा देने की बात कह रहे थे। जिससे कुछ लोग तो तैयार हो गए, लेकिन कुछ ने विरोध जताया। उनका कहना था कि पिछले वर्षों में भी जलनिकासी के लिए अस्थाई नाला बना दिया जाता था, लेकिन बरसात जाते ही निगम अधिकारी गहरी नींद में सो जाते हंै। जबकि पूर्व से जो नाला है उसका चौड़ीकरण कर जलनिकासी के लिए रास्ता बनाया जा सकता है। लेकिन अधिकारी जबरन निजी भूमि से नाला निकालना चाहते है। स्थानीय लोगों ने कहा कि प्रशासन पहले लिखित में भूमि के बदले मुआवजा देने की बात करे, उसके बाद उनके द्वारा सोचा जाएगा।
