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रीवा : खराब सड़क की वजह से रोजाना दर्जन भर लोग हो रहे सड़क दुर्घटना का शिकार, पढिये कैसे बढ़ती गयी मृत्युदर
Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 5:54 AM GMT

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रीवा जिले की सड़कें सुरक्षित नहीं रह गई हैं। दिन पर दिन हादसों की संख्या बढ़ रही है। इन हादसों में असमय लोग काल के गाल में समा रहे हैं। पिछले साल सड़क दुर्घटना और उसमें जान गंवाने वालों का सामने आया आंकड़ा काफी डराने वाला है। वर्ष 2017 में 1559 सड़क हादसे हुए जिनमें 1334 लोग घायल हुए, वहीं 325 लोगों ने जान गंवा दी। मरने वालों में 60 फीसदी युवा हैं। इन हादसों की बड़ी वजह तेज रफ्तार है। जांच में पता चला कि 65 फीसदी हादसे ओवर स्पीड के कारण से हुए। इसमें हैरान करने वाली बात है कि सुरक्षित परिवहन के लिए बनी फोरलेन सड़कों पर दुर्घटना बढ़ी है। स्थिति यह है कि शहर में 88फीसदी हादसे राष्ट्रीय राज्य मार्ग में हुए। इसके बावजूद कोई सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने सर्वे कर ये आंकड़े जुटाए और इनका विश्लेषण कर जागरुकता अभियान चलाया लेकिन इसके बावजूद सड़क दुर्घटनाओं को ग्राफ कम नहीं हो रहा है। सड़क हादसे में इस उम्र वर्ग के लोगों ने गंवाई जान उम्र मृतक प्रतिशत 18- 12.05 18-25 19.83 25-35 20.9 35-4019.4 45-60 16.21 60 11.45 कब सबसे अधिक सड़क हादसे समय शहर प्रति. ग्रामीण प्रति. 6-9 एएम 15 15 9-12 एएम 22.31 20 12-15 पीएम 16.84 17 15-18 पीएम 14 13 18-21 पीएम 11 11.36 21-24 पीएम 9.17 9.9 12-3एएम ६.13 6.65 3-6 एएम 6.64 6.19 डरा रहे आंकड़े... -हादसों के कारण प्रतिशत में 65 फीसदी ओवर स्पीड 8.49 गलत साइड 1.17फीसदी मोबाइल पर बात करना 20.42 हादसो के कारण अज्ञात 40.23प्रतिशत शहरी क्षेत्र सड़क दुर्घटना 59.69 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र में सड़क हादसे 43.59 प्रतिशत नेशनल हाइवे पर 38.57प्रतिशत स्टेट हाइवे पर 17.82 प्रतिशत जिला पहुंच व अन्य मार्ग जागरुकता का अभाव यातायात नियमों को लेकर जागरुकता का अभाव और लापरवाही सड़क दुर्घटना का बड़ा कारण है। वहीं सड़क सुरक्षा कार्य विभागों में आपसी तालमेल नहीं होने से नहीं हो पा रहे हैं। इनमें परिवहन विभाग, ट्रैफिक, लोक निर्माण विभाग, एमपीआरडीसी एवं नगर निगम सुरक्षा को लेकर आपसी संवाद बहुत कम करते हैं। इसके चलते हादसों में बढ़ोत्तरी हो रही है। यातायात प्रभारी नृपेन्द्र सिंह ने बताया कि सड़क हादसों को लेकर सर्वे किया गया था। इसमें सामने आया है कि अधिकतर हादसे ओवरस्पीड के कारण हुए हैं। इनमें सबसे अधिक युवाओं की मृत्यु हुई है। सड़क हादसों को लेकर जागरुकता के कदम उठाए जाएंगे। वहीं सड़क हादसे सबसे अधिक तिराहे और अंधे मोड़ पर हुए है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग, एमपीआरडीसी को संकेतक व स्पीड ब्रेक बनाने का सुझाव दिया गया है।

Aaryan Dwivedi
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