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रीवा: कलेक्टर ने कसी प्राइवेट स्कूलों पर नकेल, कहा-इतने फीसद से अधिक हुई फीस तो रद्द होगी मान्यता

रीवा. कलेक्ट्रेट सभागार में जिले के निजी स्कूलों के पाचार्य, प्रबंधक और संचालकों की संयुक्त बैठक बुलाई गई। जिला प्रशासन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कलेक्टर प्रीति मैथिल ने राज्य शासन की गाइड लाइन का पाठ पढ़ाया और कहा, इसका पालन नहीं करने वाले विद्यालयों की मान्यता रद्द होगी। जिला स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संचालकों के खिलाफ चार-चार लाख रुपए का अर्थदंड लगाया जाएगा। जमा नहीं करने पर कुर्की की जाएगी।
सार्वजनिक की जाएगी निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम की पुस्तकें बैठक में कलेक्टर ने सीबीएसई व माध्यमिक शिक्षा मंडल के नियम-कायदे की चर्चा करते हुए कहा कि निजी विद्यालय के संचालक शिक्षा मंदिर को आय का साधन न बनाएं, शिक्षण संस्थान को शिक्षा दान का केन्द्र बनाएं। इस दौरान कलेक्टर ने निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम में चलले वाली पुस्तकें और संबंधित विद्यालयों के ड्रेस मिलने के स्थान की लिस्ट तत्काल उपलब्ध कराने को कहा। जिसे जिला प्रशासन एनआइसी की वेबसाइट में अपलोड कर सार्वजनिक की जाएंगी। जिससे अभिभावकों को पता चल सके कि किस विद्यालय में कौन सी पुस्तकें चल रहीं हैं और डे्रस कहां मिलता है।
चार-चार लाख रपए का लगेगा जुर्माना कलेक्टर ने संचालकों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पूर्ववर्ती वर्ष के लिए नियत फीस में 10 फीसदी से तक की वृद्धि संबंधित विद्यालय कर सकता है। यदि इससे अधिक वृद्धि की जाती है तो कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय टीम जांच करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान कलेक्टर ने संचालकों से कहा कि किसी को कुछ कहना हो तो बोल, जवाब में एक संचालक ने कहा, हम किताबें बेचते नहीं हैं तो लिस्ट कहां से उपलब्ध कराएंगे। जवाब में कलेक्टर ने कहा जो विद्यालय इस व्यवस्था से नहीं जुड़े हैं उन पर यह बात लागू नहीं होती है।
कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टीम गठित निजी विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए कलेक्टर की अध्यक्ष में जिला स्तरीय टीम गठित की गई है। जिसमें कलेक्टर के द्वारा नामित सदस्य, जिला कोषालय अधिकारी, कलेक्टर द्वारा नामांकित सहायक संचालक स्तर का अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी को शामिल किया गया है।
परिवहन व्यवस्था पर नहीं हो सकी चर्चा कलेक्टर कार्यालय में नए शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान स्कूलों के परिवहन व्यवस्था की चर्चा नहीं हो सकी। बैठक खत्म होने के बाद कई विद्यालय के प्राचार्य एक दूसरे से चर्चा कर रहे थे कि, परिवहन की कोई चर्चा नहीं हुई, बाद में यह मुद्दा जरूर उठेगा।
नि:शुल्क शिक्षा पर भी दिया जोर कलेक्टर ने निजी विद्यालय के संचालकों से अपेक्षा की है कि गरीब बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा जैसे महादान का कार्य भी करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि निजी विद्यालयों के संचालकों को शासन के दिशा निर्देशों का समय-समय पर अवगत कराएं और कड़ाई से पालन कराएं। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी अंजनी त्रिपाठी, डीपीसी केपी तिवारी सहित जिलों के निजी विद्यालयों के संचालक, प्रतिनिधि उपस्थित थे।
