प्रयागराज

इलाहबाद HC में जस्टिस शमीम अहमद की बेंच ने कहा- गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए, गोहत्या करने वाला नर्क में सड़ने लायक

इलाहबाद HC में जस्टिस शमीम अहमद की बेंच ने कहा- गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए, गोहत्या करने वाला नर्क में सड़ने लायक
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Allahabad HC On Cow: अलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोहत्या के मामले में सुनवाई करते हुए अपनी टीप दी है

Allahabad HC On Cow: 'देश में गोहत्या पर बैन लगाना चाहिए. ''गाय को 'संरक्षित राष्ट्रीय पशु' घोषित करें.' 'हिंदू धर्म में गाय देवताओं का प्रतिनिधि है.' यह टीप अलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा गोहत्या से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान दी गई है. Allahabad HC केंद्र सरकार से मांग की है कि देश में गोहत्या पर बैन लगना चाहिए। दरअसल 14 फरवरी को हाईकोर्ट की जस्टिस शमीम अहमद (Justice Shamim Ahmed) की सिंगल जज की बेंच ने हिन्दू धर्म के पुराणों का हवाला देते हुए कहा- जो गोहत्या करता है या दूसरों को गोहत्या करने की अनुमति देता है वह नर्क में सड़ने लायक माना जाता है.

दरअसल मामला गोहत्या से जुड़ा हुआ है. इसी प्रकरण के आरोपी अब्दुल खालिक ने कोर्ट में अपने गोहत्या के मुक़दमे को रद्द करने की मांग उठाई थी. खालिफ के खिलाफ गाय को मारने के आरोप थे. मगर कोर्ट ने उसकी याचिका ख़ारिज कर दी और अपनी टीप देदी।

हाईकोर्ट ने क्या कहा-

हाईकोर्ट की जस्टिस शमीम अहमद की सिंगल जज बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा- हम एक सेक्युलर देश में रहते हैं, इसी लिए हमें हिन्दू धर्म सहित सभी मजहबों का सम्मान करना चाहिए। हिन्दू धर्म में गाय को सभी जानवरों में से सबसे पवित्र माना जाता है. हिंदू धर्म में ऐसा विश्वास है कि गाय दैवीय और प्राकृतिक लाभ का प्रतिनिधि है, इसलिए गाय की रक्षा करनी चाहिए. जस्टिस अहमद ने यह भी कहा कि ब्रह्मा ने पुजारियों और गायों को एक ही समय में जीवन दिया, ताकि पुजारी धार्मिक ग्रंथों का पाठ कर सकें और गाय इन धार्मिक अनुष्ठानों में घी दे सकें.

कोर्ट ने आगे कहा- 19-20वीं शताब्दी में गायों के संरक्षण के लिए आंदोलन हुआ था. जिसमे गोहत्या पर रोक लगाने के लिए लोगों को एकजुट किया गया था. कोर्ट को उम्मीद और भरोसा है कि केंद्र सरकार देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए उचित कदम उठाएगी. साथ ही गाय को 'संरक्षित राष्ट्रीय पशु' घोषित करेगी.

जस्टिस अहमद ने कहा- "गाय को अलग-अलग देवताओं से भी जोड़ा गया है. खासकर भगवान शिव जिनकी सवारी नंदी, बैल है, भगवान इंद्र कामधेनु, बुद्धि देने वाली गाय से जुड़े हैं, भगवान कृष्ण अपनी जवानी में चरवाहा थे और देवियां क्योंकि ज्यादातर मातृ गुण वालीं हैं इसे कामधेनु, दिव्य गाय और सभी इच्छाओं को पूरा करने वाली के रूप में जाना जाता है.

गाय की पूजा की उत्पत्ति वैदिक काल में भी देखी जा सकती है. जज ने महाभारत काल का भी जिक्र किया. जज के मुताबिक, महाभारत में भीष्म ने कहा था कि गाय जीवन भर लोगों को दूध देकर सरोगेट मां के रूप में काम करती है, इसलिए वह असल में दुनिया की मां हैं.

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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