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एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व से माधव नेशनल पार्क शिवपुरी भेजी जाएगी बाघिन

Sanjay Patel
11 Jan 2023 10:29 AM GMT
एमपी के पन्ना टाइगर रिजर्व से माधव नेशनल पार्क शिवपुरी भेजी जाएगी बाघिन
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माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बाघों का संसार बसाने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) से एक युवा बाघिन को यहां भेजने की तैयारी है।

माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बाघों का संसार बसाने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। पन्ना टाइगर रिजर्व (पीटीआर) से एक युवा बाघिन को यहां भेजने की तैयारी है। फरवरी माह तक बाघिन के शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बाघों की संख्या अधिक होने के कारण पीटीआर में बाघों के लिए अपनी टैरेटरी बनाने के लिए जगह कम पड़ने लगी है जिससे इन्हें अन्य नेशनल पार्कों में भेजने की तैयारी की जा रही है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में हैं 75 से अधिक बाघ

पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्तमान समय पर 75 से अधिक बाघों की संख्या है। जिनमें तकरीबन 24 बाघिन भी हैं जिससे यहां बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। पीटीआर में 576.13 वर्ग किलोमीटर के कोर क्षेत्र व 1021.97 वर्ग किलोमीटर का बफर एरिया है। यहां एक वर्ष में ही 16 से अधिक शावकों को बाघिनों द्वारा जन्म दिया गया है। जिससे यहां उन्हें अपनी टैरेटरी बनाने के लिए जगह पड़ रही है। जिससे इन्हें अन्यत्र भेजने की तैयारी है। पीटीआर से एक युवा बाघिन शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क को आबाद करेगी। पहले इसे जनवरी माह में भेजने की तैयारी थी किंतु अभी यह निर्णय नहीं हो पाया है कि किसको वहां भेजा जाए। पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य जीव विशेषज्ञों की टीम इसके लिए पहुंचेगी और उसके द्वारा ही निर्णय लिया जाएगा कि कौन सी बाघिन को माधव नेशनल पार्क शिवपुरी भेजा जाना है।

दो सौ से अधिक पक्षियों की प्रजाति

पन्ना टाइगर रिजर्व में दो सौ से अधिक पक्षियों की प्रजाति पाई जाती हैं। पीटीआर मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों में फैला हुआ है। यहां जिन प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं उनमें लाल सिर वाला गिद्ध, बार हेडेड हंस, हनी बुजार्ड और भारतीय गिद्ध शामिल हैं। यहां गिद्धों की छह प्रजातियां देखने को मिलती हैं। पीटीआर में बाघ, तेंदुआ, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, सांभर और भालू भी मौजूद हैं। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान का केन नदी प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। यहां उल्लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व वर्ष 2008 में टाइगर विहीन हो गया था किंतु 2009 में यहां बाघों को पुनः स्थापित किया गया। मौजूदा समय पर पीटीआर में 75 से अधिक बाघों के साथ ही अन्य जानवर भी मौजूद हैं।

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