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पन्ना: दूध बेचा-रिक्शा चलाया और शिक्षक बन कर संवारा विद्यार्थियों का जीवन, सेवानिवृत्त हुए तो दान की दी 40 लाख की राशि

पन्ना: दूध बेचा-रिक्शा चलाया और शिक्षक बन कर संवारा विद्यार्थियों का जीवन, सेवानिवृत्त हुए तो दान की दी 40 लाख की राशि
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सहायक शिक्षक विजय कुमार चंसेरिया ने सेवानिवृत्त में मिली 40 लाख रूपए की राशि दान कर दी.

पन्ना: जिले के संकुल केन्द्र रक्सेहा की प्राथमिक शाला खदिंया में पदस्थ रहे सहायक शिक्षक विजय कुमार चंसेरिया ने अपने सेवानिवृत्त के दिन 31 जनवरी को एक ऐसा निर्णय लिया जिसे लेना आज के समय में किसी साहस से कम नहीं है। अपने विदाई समारोह में उन्होने पीएफ और ग्रेच्युटी में मिलने वाली 40 लाख की राशि विद्यार्थियों और विद्यालय के विकास के लिए दान कर दी। सबसे अच्छी बात यह है कि उनके इस निर्णय में उनके बच्चों और पत्नी का भी समर्थन रहा। शिक्षक द्वारा दान की गई राशि क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

संघर्षमय रहा जीवन

ऐसा नहीं है कि लाखों रूपए दान करने वाले शिक्षक ने कभी गरीबी नहीं देखी। इनका जनम निर्धन परिवार में हुआ था। बचपन में दूध बेच कर और रिक्सा चला कर अपनी पढ़ाई पूरी की। 1983 में रक्सेहा में सहायक शिक्षक के पद पदस्थ हुए। बताते हैं कि बचपन से ही विजय कुमार पढ़ाई के प्रति समर्पित थे। हमेशा से ही वह शिक्षक बन कर बच्चों का जीवन संवारना चाहते थे। राह में कई बाधाएं आई। बाधाओं को पार करते हुए वह शिक्षक भी बने और विद्यालय से सेवानिवृत्त के दिन विद्यालय के भविष्य के लिए लाखों रूपए भी दान कर गए।

समाज हित में कार्य करें सक्षम लोग

विजय चंसोरिया ने बताया कि मेरे बेटे-बेटी दामाद ईश्वर की कृपा से नौकरी में है। किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। जितना है बहुत है। सक्षम लोगों को चाहिए कि वह असक्त और असहाय लोगों की मदद करने के लिए आंगे आए। राशि दान करने में मेरे परिवार ने मेरा समर्थन किया। अगर परिवार समर्थन नहीं करता तो मैं ऐसा नहीं कर पाता।

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