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Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat: जानिए घर, दुकान, ऑफिस एवं फैक्ट्री में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, इस विधि से करें पूजा तो होगी धन की वर्षा

Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat
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Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat

Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat: दिवाली के दिन शाम को भगवान लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है. इस दिन विधि विधान से पूजन करने पर माँ लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है. आइये जानते हैं दिवाली 2022 के पूजन के शुभ मुहूर्त...

Diwali 2022 Laxmi Puja Muhurat in Hindi: सबसे पहले आप सभी रीवा रियासत डॉट कॉम के पाठकगणों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. आज देश और दुनियाभर में दिवाली का त्यौहार मनाया जा रहा है. दिवाली के दिन शाम को लक्ष्मी-गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. विधि विधान से पूजन करने पर माँ लक्ष्मी खुश होती हैं और इसका बड़ा फल देती हैं. आज दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:40 बजे से शुरू हो जाएगा जो रात 12:40 तक रहेगा.

दिवाली में लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

अगर आप घर में लक्ष्मी पूजा करने जा रहें हैं तो ये तीन मुहूर्त हैं पूजन के लिए

  • शाम 5.40 से 6.25 तक
  • शाम 7.15 से रात 9.32 तक
  • रात 11.43 से 12.40 तक

अगर आप दुकान में लक्ष्मी पूजा करने जा रहें हैं तो ये तीन मुहूर्त हैं पूजन के लिए

  • शाम 5.50 से 7.15 तक
  • रात 8.05 से 9.05 तक
  • रात 10.34 से 12.11 तक

अगर आप ऑफिस में लक्ष्मी पूजा करने जा रहें हैं तो ये तीन मुहूर्त हैं पूजन के लिए

  • शाम 6.05 से 7.32 तक
  • रात 7.50 से 8.40 तक
  • रात 10.34 से 12.11 तक

अगर आप फ़ैक्ट्री में लक्ष्मी पूजा करने जा रहें हैं तो ये तीन मुहूर्त हैं पूजन के लिए

  • शाम 7.15 से 9.05 तक
  • रात 11.43 से 12.40 तक
  • रात 1.45 से 3.46 तक

जानिए हिंदी पंचांग के अनुसार दिवाली की तिथि और पक्ष

आज सोमवार, 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली (दीपावली) का शुभ त्यौहार मनाया जा रहा है. हिंदी पंचांग के अनुसार, आज 24 अक्टूबर 2022 सोमवार को शाम 05 बजकर 27 मिनट से कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष शुरू हो रहा है एवं अमावस्या तिथि है.

अमावस्या को मनाई जाती है दिवाली

दिवाली (दीपावली) रौशनी का पर्व है. यह हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है. मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के बाद वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे. एक अन्य मान्यता है कि दिवाली के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इस कारण इस दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है. जबकि वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी का विवाह हुआ था. दिवाली की शाम को उत्तम मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश और भगवान कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है.

अमावस्या तिथि कब से कब तक

दिवाली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है. इस साल अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 25 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी.

इन घरों में होता है मां लक्ष्मी का वास

मां लक्ष्मी दिवाली पर उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई हो और प्रतिदिन पूजा-पाठ होता है.

दिवाली पूजन में इन चीजों को करें शामिल

दिवाली पूजन में शंख, कमल का फूल, गोमती चक्र, धनिया के दाने, कच्चा सिंघाड़ा, मोती व कमलगट्टे का माला आदि शामिल करना चाहिए.

लक्ष्मी पूजन मंत्र (Lakshmi Puja Mantra)

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

ॐ श्रीं श्रीयै नम:

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः॥

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