
आज का पंचांग 27 अगस्त: गणेश चतुर्थी, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त और ग्रहों की स्थिति

आज का पंचांग: आज, 27 अगस्त 2025 को बुधवार है और चतुर्थी तिथि है। यह दिन गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जा रहा है। आज के पंचांग के अनुसार, सूर्योदय सुबह 5:56 बजे और सूर्यास्त शाम 6:48 बजे होगा। पंचांग ज्योतिषीय गणनाओं का एक प्राचीन तरीका है जो हमें दिन के शुभ और अशुभ समय के बारे में जानकारी देता है।
पंचांग के प्रमुख अंग और ग्रहों की स्थिति
पंचांग के पांच मुख्य अंग होते हैं: तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग इन सभी की सटीक जानकारी देता है:
- तिथि: चतुर्थी
- नक्षत्र: हस्त
- योग: शुभ
- करण: वणिज
- पक्ष: शुक्ल
आज सूर्य सिंह राशि में है, जबकि चंद्रमा कन्या राशि में है। अन्य ग्रहों की स्थिति भी पंचांग में दी गई है, जो यह बताती है कि आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा।
आज का शुभ-अशुभ समय
किसी भी काम को शुरू करने से पहले शुभ और अशुभ समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आज के लिए अशुभ समय (राहु काल) सुबह 10:05 बजे से 11:41 बजे तक रहेगा। इस दौरान किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचें।
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
- कंटक / मृत्यु: 27-08-25 12:26:39 AM से 27-08-25 02:03:06 AM तक
- राहु काल: 27-08-25 10:05:17 AM से 27-08-25 11:41:44 AM तक
- कालवेला / अर्ध्यामी: 27-08-25 02:03:06 AM से 27-08-25 03:39:32 AM तक
- यमघंटा: 27-08-25 03:39:32 AM से 27-08-25 05:15:58 AM तक
- यमगंडा: 27-08-25 03:39:32 AM से 27-08-25 05:15:58 AM तक
- कुलिका काल: 27-08-25 06:52:25 AM से 27-08-25 08:28:51 AM तक
- गुलिका काल: 27-08-25 06:52:25 AM से 27-08-25 08:28:51 AM तक
इसके अलावा, आज का पंचांग हमें चंद्र बल और तारा बल की भी जानकारी देता है, जो यह निर्धारित करता है कि कौन सी राशियां आज भाग्यशाली रहेंगी और किनके लिए आज का दिन मिला-जुला रहेगा।
चंद्रबल और ताराबल
- तारा बल - भरणी, रोहिणी, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ़ा, श्रवण, पूर्वा भाद्रपद
- चंद्र बल - भरणी, रोहिणी, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वा आषाढ़ा, श्रवण, पूर्वा भाद्रपद
पंचांग का महत्व
पंचांग सिर्फ एक कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा विकसित एक वैज्ञानिक तरीका है। इसका उपयोग सदियों से सही समय का चुनाव करने और किसी भी नए कार्य में सफलता पाने के लिए किया जाता रहा है। मेरा एक दोस्त, जिसने पंचांग देखकर अपना नया व्यापार शुरू किया, उसे उसमें बड़ी सफलता मिली। यह दिखाता है कि आधुनिक युग में भी पंचांग की जानकारी कितनी प्रासंगिक है।
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