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कर्जमाफी : मीटिंग में नहीं आए केंद्र-आरबीआई के प्रतिनिधि

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 6:04 AM GMT
कर्जमाफी : मीटिंग में नहीं आए केंद्र-आरबीआई के प्रतिनिधि
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भोपाल . कमलनाथ सरकार की किसान कर्जमाफी स्कीम को लेकर शनिवार को हुई स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की मीटिंग में भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार से कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। लंबे समय के बाद ऐसी स्थिति बनी है। भारत सरकार के प्रतिनिधि तो बुलाने पर भी नहीं आए।

सेंट्रल बैंक के सीएमडी जरूर मुंबई से बैठक में शामिल होने पहुंचे। लिहाजा कमेटी ने वन टाइम सैटलमेंट (ओटीएस) स्कीम को लगभग तय कर दिया। साथ ही राज्य सरकार ने सभी बैंकों के प्रतिनिधियों को भरोसा दिया कि कर्जमाफी के लिए पांच हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था कर दी गई है। 22 फरवरी से बैंकों में पैसा जाना शुरू हो जाएगा, इसलिए तब तक कर्जमाफी की प्रक्रिया को तत्परता से पूरा कर कर्जदार किसानों की स्थिति साफ करें।

राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव एसआर मोहंती, प्रमुख सचिव वित्त अनुराग जैन व मनोज गोविल, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी, मंडी बोर्ड के एमडी समेत अन्य बैंक अधिकारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार ने डिफाल्टर खातों को लेकर कमेटी से कहा कि बैंकों के लिए ये खाते एनपीए हैं, इसलिए सरकार इन सभी में जो पैसा दे रही है, उसमें अधिक से अधिक छूट दी जाए। यह 25 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि आरबीआई और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद अंतिम निर्णय होगा। इसके अलावा सहकारी, ग्रामीण, राष्ट्रीय बैंकों के बोर्ड में भी ओटीएस स्कीम पर चर्चा होगी। इसके बाद विचार होगा कि क्या किया जाना चाहिए।

Aaryan Dwivedi

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