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Why Twin Tower Is Being Demolished: ट्विन टॉवर को क्यों गिराया जा रहा है?

Why Twin Tower Is Being Demolished: ट्विन टॉवर को क्यों गिराया जा रहा है?
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Why Twin Tower Is Being Demolished: नोएडा (Noida) में बनी भारत की सबसे ऊँची इमारत Twin Tower को गिरा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था

ट्विन टॉवर क्यों गिरया जा रहा: नॉएडा के ट्विन टॉवर (Twin Tower) को कुछ ही देर में जमीदोज कर दिया जाएगा। Noida के Twin Tower को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. 915 फ्लैट वाले ट्विन टॉवर को धराशायी करने के लिए इसमें 3700 किलो विस्फोटक लगाए गए हैं जो सिर्फ 12 सेकेंड में ही इसे मलबे में तब्दील कर देगा।

Noida Sector 93 A में गगनचुम्बी Twin Tower के 32 और 29 मंजिला दोनों टॉवर को गिराने की पूरी तैयारी हो गई है। 102 मीटर ऊँचा टॉवर 11 मीटर लम्बे मलबे में बदल जाएगा। Twin Tower को गिराने से पहले आसपास रहने वाले 7 हज़ार परिवारों को घर छोड़कर जाना पड़ा है. सेक्टर 93 ए के सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं.

ट्विन टॉवर को क्यों गिराया जा रहा

Why SC Ordered To Demolish Twin Tower: ट्विन टॉवर बनाने वाले बिल्डर्स ने नेशनल बिल्डिंग कोड का उल्लंघन किया है. सुपरटेक बिल्डर्स ने ट्विन टॉवर के स्थान पर पहले खरीदारों को हरियाला स्थान बताया था. लोगों ने एमरॉल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में फ़्लैट बुक कराए थे लेकिन नॉएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारीयों के साथ हेरफेर करके बिल्डर्स ने यहां टॉवर बनवा दिए. दोनों टॉवर के बीच की दूरी 16 मीटर रखनी थी लेकिन बिल्डर्स ने सिर्फ 9 मीटर की जगह छोड़ी। मामला कोर्ट गया तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे गिरा देने का आदेश जारी कर दिया।

ट्विन टॉवर का इस्तेमाल दूसरे काम में हो सकता था

लोग यही सोचते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ट्विन टॉवर को गिराने के जगह नॉएडा प्रशासन को इसका कब्जा दे देती और इसे किसी दूसरे काम में इस्तेमाल कर लिया जाता। इससे सरकार को भी काफी फायदा होता। क्योंकि ट्विन टॉवर गिराने से कोई लाभ तो होगा नहीं। ऐसी ही सोच रखने वाला एक शख्स ऐसी ही याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट गया था. जहां उसने ट्विन टॉवर को हॉस्पिटल में बदल देने की याचिका लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने उसपर कोर्ट का वक़्त बर्बाद करने के लिए 5 लाख का जुर्माना ठोंक दिया था.

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