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गंभीर परिस्थिति में सरकार इंटरनेट क्यों बंद करवा देती है? इंटरनेट बंद करवाने पर कितना नुकसान होता है?

गंभीर परिस्थिति में सरकार इंटरनेट क्यों बंद करवा देती है? इंटरनेट बंद करवाने पर कितना नुकसान होता है?
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सरकार इंटरनेट क्यों बंद करवाती है: इस समय पंजाब में इंटरनेट बंद है, ऐसा पहले दिल्ली में और नूपुर शर्मा वाले केस में भी हुआ था

सरकार इंटरनेट क्यों बंद करवा देती है: पंजाब में इस समय तनाव का माहौल है, पंजाब पुलिस पर सैकड़ों की संख्या में हमला करने वाले वारिस पंजाब दे के सदस्यों और इस संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की धड़पकड़ के लिए मेगा मिशन चलाया गया है. Amritpal Singh फरार घोषित हो चुका है. उसकी गिरफ़्तारी के लिए चलाए गए अभियान से खालिस्तान समर्थक भड़क गए हैं और पंजाब में गंभीर हालत पैदा हो गए हैं. ऐसे में सरकार ने पूरे पंजाब की इंटरनेट सेवा और SMS सेवा बंद कर दी है.

इंटरनेट बंद करने का अधिकार किसे है

सरकार के पास गंभीर परिस्थियों में इंटरनेट सेवा बंद करवाने का अधिकार है. लेकिन इस अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए भी कुछ प्रावधानों का पालन करना पड़ता है. दूरसंचार सेवाओं नियमों के अस्थाई निलंबन को शामिल करने के लिए अधिनियम की धारा 7 में संशोधन किया गया है. जिसके अनुसार केंद्र या राज्य सरकार इलाके में इंटरनेट बंद करने का आदेश जारी कर सकती है. आदेश जारी होने के 5 दिन बाद समिति द्वारा समीक्षा होती है और ऐसा आदेश सिर्फ 15 दिन तक प्रभावशील रहता है. किसी गंभीर परिस्थिति में इंटरनेट शट डाउन का आदेश संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के रैंक के अधिकरी भी दे सकते हैं.

सरकार इंटनेट क्यों बंद करवा देती है

दंगा, साम्पदायिक तनाव, हिंसा, की स्थिति में सरकार उस क्षेत्र की इंटरनेट सेवा बंद करवा देती है. ताकि क्षेत्र में उठे विवाद या हिंसा से जुडी जानकारियां लोगों तक न जाएं। इसके अलावा हिंसा करने वाले एक दूसरे से सम्पर्क न कर पाएं, इसके अलावा कोई पुलिस की लोकेशन न जान पाए और सोशल मीडिया के जरिये लोगों को भड़काने का प्रयास न किया जा सके

सबसे ज़्यादा भारत में होता है Internet ShutDown

इंटेरेट बंद करने के मामले में भारत पूरी दुनिया में टॉप पर है. Software Freedom Law Centre के मुताबिक भारत में 2012 से लेकर अबतक 381 बार इंटरनेट सेवा बंद की गई हैं. 2019 में सबसे ज़्यादा 106 बार इंटरनेट सर्विस बंद की गई थी.

भारत का सबसे लंबा Internet Shutdown

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन को किसी भी लोकतांत्रिक देश में अबतक का सबसे बड़ा इंटरनेट शटडाउन माना जाता है. कश्मीर में काफी लम्बे वक़्त तक इंटरनेट सेवा बंद थीं. इंटरनेट सेवाओं के निलंबन पर विधायी प्रावधानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 और टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत निपटाया जाता है.

क्या Internet Shutdown से नुकसान होता है

UK की Privacy & Security Research Firm Top10VPN की माने तो 2020 में इंटरनेट बंद करने से भारत को लगभग 2.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.





Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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