राष्ट्रीय

कौन बनेगा राष्ट्रपति: राम नाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा होने वाला है, भारत में राष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है?

कौन बनेगा राष्ट्रपति: राम नाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा होने वाला है, भारत में राष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है?
x
Who will be the next President of India: 19 जून को देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देंगे, उन्हें साल 2017 में जून 20 के दिन देश का प्रेसिडेंट बनाया गया था

Who will be the next President of India: भारत के 14वें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा होने वाला है. राम नाथ कोविंद ने साल 2017 में जुलाई की 20 तारिख को भारत के राष्ट्रपति पद को संभाला था. उनके राष्ट्रपति कैंडिडेट के रूप में बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव में उतारा था. राम नाथ कोविंद देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो उत्तर प्रदेश से नाता रखते हैं. 20 जुलाई 2022 तक देश को अब अलग और 15वां राष्ट्रपति मिलेगा।

सवाल ये है कि अब भारत का अलग राष्ट्रपति कौन होगा, बीजेपी देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में किसे खड़ा करेगी और कांग्रेस सहित विपक्ष किसे उम्मीदवार के रूप में चुनेगी। इससे पहले हम जानेंगे कि भारत में राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है.

भारत में राष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है (How is the presidential election conducted in India)

भारत में राष्ट्रपति कैसे चुना जाता है: भारत में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से होता है. एलेक्ट्रोरल कॉलेज बोले तो दोनों सदनों के सांसद और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के विधायकों को मिलाकर जो वोटिंग होती है उसे कहते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों के वोट विधायकों के वोट से ज़्यादा पॉइंट वाले होते हैं. विधायकों के वोट की वेल्यू पापुलेशन और सीटों की संख्या के आधार पर तय होती है. इस जनसंख्या का आधार 1971 की जनगणना होती है.

राष्ट्रपति चुनाव में विधायक भी वोट करते हैं: विधायक की वोट वेल्यू सांसद से कम होती है. लेकिन जनता द्वारा चुना गया हर प्रतिनिधि राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डालता है. हर प्रदेश के हर विधानसभा के विधायकों की वोट वैल्यू अलग-अलग होती है. इसे विधानसभा की आबादी, उस प्रदेश में विधानसभा सदस्यों की संख्या को देखकर तय किया जाता है. वोट का वेटेज निकालने के लिए प्रदेश की जनसंख्या को चुने गए विधायकों की संख्या में बांटा जाता है, इससे जो नंबर निकलकर आते हैं उसका एक हज़ार से भाग दिया जाता है. जो परिणाम सामने आते हैं वही उस विधायक के वोट की वेल्यू होती है.

राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों की वोट वेल्यू 708 होती है: सांसदों के वोट वेटेज को निकलने का अलग तरीका होता है. सबसे पहले सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्यों के वोटों के वेटेज को जोड़ा जाता है. फिर सामूहिक वेटेज का राज्य सभा और लोक सभा के चुने गए मेंबर्स की कुल संख्या को भाग दिया जाता है. इससे सांसदों के वोट का वेटेज निकलता है.

राष्ट्रपति चुनाव में वोटों की गिनती कैसे होती है

भारत में सबसे ज़्यादा वोट हासिल करने वाले को राष्ट्रपति नहीं बनाया जाता बल्कि सबसे ज़्यादा वोटों के वेटेज के आधे से ज़्यादा हिस्से पाने वाले को महामहिम चुना जाता है. फ़िलहाल राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों का वेटेज टोटल 10,98,882 है. उम्मीदवार को राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 5,49,442 वोट वेटेज चाहिए होता है

रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव में कितने वोट मिले थे

साल 2017 में बीजेपी के पास 21 राज्यों में सरकार थी, NDA के पास देश की 70% जनसंख्या पर शासन था. रामनाथ कोविंद को 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में टोटल 65.65% वोट मिले थे. और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 34.35% वोट मिले थे.

इस बार बीजेपी के लिए अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाना मुश्किल है

अब बीजेपी के पास सिर्फ 17 राज्यों की सत्ता है, NDA 49.6% आबादी में राज करती है. बीजेपी के पास से राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे प्रदेश छूट गए हैं. वहीं टीडीपी, शिवसेना, अकाली दल से भी बीजेपी का नाता टूट गया है.

क्या हो अगर विपक्ष का उम्मीदवार राष्ट्रपति बन जाए

ऐसा इस बार हो सकता है, बशर्ते बीजेपी के खिलाफ पूरे विपक्ष को एक साथ खड़ा होना होगा। विपक्ष के पास 51.1% वोट वेटेज है जबकि बीजेपी के पास अब सिर्फ 48.9% वोट वेटेज बचा है. बीजेपी को इस बार बाहरी मदद की जरूरत होगी। और अगर पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा नहीं होता है तो NDA के पास 326 लोकसभा और 116 राज्य सभा सांसद हैं और अगर LJP के पांच सांसद मिल जाएं तो बीजेपी को अपने उम्मीदवार को देश का 15 वां राष्ट्रपति बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

और अगर कुछ भी तिकड़म करके विपक्ष अपने उम्मीदवार को राष्ट्रपति बना देती है तो राष्ट्रपति बनने के बाद वो शख्स बीजेपी के बनाए और हटाए कानूनों में अड़ंगा डालना शुरू कर सकता है. जैसे आर्टिकल 370 और 35A जैसे अनुच्छेदों को रद्द करने पर परेशानी का सामना करना पद सकता है.

भारत का अगला राष्ट्रपति कौन होगा

Who Will Be The Next President Of India: बीजेपी की बात करें तो पार्टी के सामने 4 लोगों के नाम हैं उनमे से एक को राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता है.

आनंदी बेन पटेल: पीएम मोदी की करीबी हैं, UP की राज्य्पाल हैं. गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं लेकिन उनकी उम्र 80 वर्ष से ज़्यादा है इस लिए आनंदी बेन पटेल राष्ट्रपति की उम्मीदवारी से बाहर हो सकती हैं

आरिफ मोहम्मद खान: केरल के राजयपाल आरिफ मोहम्मद खान, यूपी के बुलंदशहर से नाता रखते हैं. वह राजीव गांधी की सरकार में मंत्री थे लेकिन शाहबानों केस को लेकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. तीन तलाक, CAA, NRC में आरिफ बीजेपी की ढाल बनकर रहे हैं. भारत में हिन्दू-मुस्लिम एकता और मुसलमानों का विश्वास जीतने के लिए बीजेपी आरिफ मुहम्मद खान को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नॉमिनेट कर सकती है.

वेंकैया नायडू: देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी बीजेपी के राष्ट्रपति चुनाव का चेहरा हो सकते हैं. दक्षिण भारत के लोगों का दिल जीतने के लिए बीजेपी उन्हें उम्मीदवार बना सकती है. क्योंकि नायडू आंध्रप्रदेश से ताल्लुख रखते हैं.

बीजेपी द्वारा साल 2017 में दलित समाजसेवी को राष्ट्रपति बनाने से काफी फायदा हुआ है. बीजेपी को देश के दलितों से अच्छे वोट मिले थे. इस बार केंद्र सरकार राष्ट्रपति के लिए किसे उम्मीदवार चुनती है यह फिक्स्ड नहीं हुआ है लेकिन जैसे ही पता चलेगा RewaRiyasat.com आपको सबसे पहले अपडेट देगा।



Next Story