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Sania Mirza IAF Pilot बनीं तो दुनिया वालों ने मजहब देखना शुरू कर दिया! सेना में कैसा धर्म?

Sania Mirza IAF Pilot बनीं तो दुनिया वालों ने मजहब देखना शुरू कर दिया! सेना में कैसा धर्म?
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लोग सानिया मिर्जा को लेकर कह रहे हैं कि वो पहली मुस्लिम फाइटर पायलट बनी हैं, IAF हिन्दू-मुस्लिम देखकर थोड़ी न भर्ती करता है

Sania Mirza IAF Pilot: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के गांव जसोवर (Mirzapur Jasovar) की बेटी सानिया मिर्जा (Sania Mirza) भारतीय वायुसेना में फाइटर जेट पाइलट बन गईं. बड़ी ख़ुशी की बात है कि IAF में महिलाओं को भी पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर देश की सेवा और रक्षा करने का मौका मिल रहा है. मगर कुछ न्यूज़ चैनल और कुछ लोगों को यहां भी धर्म और मजहब की बातें करने का मौका मिल गया है. न्यूज़ चैनल वाले कह रहे हैं कि सानिया मिर्जा IAF में फाइटर जेट ऑपरेट करने वाली पहली मुस्लिम फीमेल पायलट बनी हैं (First Female Muslim Fighter Pilot)

इन ट्वीट्स को देखिये, लोग सानिया मिर्जा के मजहब देखकर गर्व महसूस कर रहे हैं, जबकि सेना में हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई-पारसी-जैन-बौद्ध सब बराबर माना जाता है.





सानिया मिर्जा का फाइटर पायलट बनने तक ठीक था लेकिन पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट क्या है? क्या IAF में धर्म-मजहब देखकर भर्ती होती है.

भारत की पहली महिला फाइटर पायलट 'अवनी चतुर्वेदी'

''जब एमपी के रीवा जिले की बेटी अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली IAF Fighter Jet Pilot बनी थीं तब किसी ने उन्हें पहली हिन्दू महिला फाइटर पायलट कहकर या पहली ब्राह्मण हिन्दू महिला फाइटर पायलट कहकर तो सम्बोधित नहीं किया था''. और जब मसला सेना से जुड़ा हो तो धर्म को इसमें जोड़ना सही भी नहीं है.

कौन हैं सानिया मिर्जा जो देश की दूसरी फाइटर पायलट बन गई हैं

Who Is IAF Fighter Pilot Sania Mirza: मिर्जापुर के जसोवर गांव की बेटी सानिया मिर्जा ने NDA परीक्षा में पूरे देश में 149वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद उनका चयन Indian Air Force के लिए हुआ. सानिया मिर्जा उत्तर प्रदेश की पहली महिला फाइटर पायलट हैं और देश की दूसरी।

सानिया ने अपनी स्कूलिंग हिंदी मीडियम से की है, उनकी पढाई पंडित चिंतामणि दुबे इंटर कॉलेज से हुई है. 10वीं क्लास के बाद वह गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज मिर्जापुर में पढ़ीं और 12वीं क्लास में यूपी बोर्ड की टॉपर रही हैं. 12th के बाद से ही सानिया ने NDA की प्रिपरेशन शुरू कर दी थी.

लेकिन NDA में IAF Fighter Pilot बनने की राह इतनी आसान नहीं थी. कुल 400 सीटों में 19 सीटें महिलाओं के लिए थीं और उनमे से भी सिर्फ 2 सीटें फाइटर पायलट के लिए. हालांकि पहले अटेम्प्ट में उन्हें सफलता नहीं मिली मगर दूसरे प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई.

सानिया ने न सिर्फ अपने परिवार और जिले के नाम रोशन किया है बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है. सानिया के पिता शाहिद अली एक TV मैकेनिक का काम करते हैं. ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सानिया मिर्जा देश की पहली फाइटर जेट पाइलट अवनी चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi IAF) को अपना रोल मॉडल मानती हैं. वो हमेशा से उन्ही की तरह बनना चाहती थीं. सानिया अवनि के बाद दूसरी ऐसी युवती हैं जो IAF में बतौर फाइटर पायलट के रूप में चुनी गई हैं.

सानिया मिर्जा की इंस्पिरेशन भारत की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी हैं. जो एमपी के रीवा जिले से नाता रखती हैं. अवनी चतुर्वेदी के बारे में सबकुछ जानने के लिए यहां क्लीक करें


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