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JPC जांच क्या है? विपक्ष गौतम अडानी के खिलाफ JPC जांच क्यों कराना चाहता है

JPC जांच क्या है? विपक्ष गौतम अडानी के खिलाफ JPC जांच क्यों कराना चाहता है
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JPC Janch Kya Hai: जेपीसी जांच के चलते तीन बार केंद्र सरकार पलटी है, विपक्ष चाहता है कि अडानी की JPC Probe हो

What is JPC Probe: Hindenburg और Gautam Adani को लेकर पूरे देश में घमासान मचा हुआ है. इधर गौतम अडानी और इन्वेस्टर्स को लंबा घाटा तो पहुंच ही रहा है उधर विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच भी गौतम अडानी को लेकर तनातनी बनी हुई है. कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियां गौतम अडानी के खिलाफ JPC जांच कराने की मांग पर अड़ी है. विपक्ष इसे घोटाला बता रहा है.

JPC जांच क्या है

What Is Probe: JPC का फुलफॉर्म है जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (Joint Parliamentary Committee). जेपीसी ऐसी जांच प्रक्रिया है जिसे केंद्र सरकार बेहद कम मामलों में गठित करती है. आज़ादी के बाद भारत में अबतक सिर्फ 6 मामलों में JPC का गठन हुआ है.

JPC ऐसी जांच है जिसके कारण देश में तीन बार केंद्र सरकार का तख्तापलट हो चुका है। JPC रिपोर्ट के सामने आने पर राजीव गांधी भी लोकसभा चुनाव हार गए थे. वहीं नरसिम्हा राव की सरकार भी गिर गई थी. 2G घोटाले में मनमोहन सिंह की सरकार भी फंसी थी. जिसकी JPC जांच होने के बाद कांग्रेस अब सत्ता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है.

यानि जिस JPC जांच ने कांग्रेस की लोटिया डुबाई है अब कांग्रेस चाहती है कि बीजेपी के केंद्र में रहते हुए ये जांच कराइ जाए.

  • भारत में सबसे पहले JPC जांच बोफोर्स घोटाला सन 1987 में हुई थी. इस जांच में राजीव गांधी और कांग्रेस नेताओं को क्लीन चिट मिलने के बाद भी अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 414 से सिर्फ 197 सीटों तक सिमट गई थी
  • 1992 में हुए हर्षद मेहता स्कैम में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पर एक करोड़ रुपए की रिश्वत लेने के आरोप लगे थे. जिसके बाद JPC जाँच हुई और कोई नतीजा नहीं निकला। फिर भी 1996 के चुनाव में कांग्रेस हार गई थी
  • 2001 में केतन पारेख शेयर मार्केट घोटाले की जांच हुई थी.
  • 2003 में JPC को सॉफ्ट ड्रिंक, फ्रूट जूस और अन्य पेय पदार्थों में पेस्टिसाइड के मिले होने की जांच का जिम्मा सौंपा गया। कमेटी ने पीने के पानी के लिए कड़े मानकों की सिफारिश की। हालांकि इस सिफारिश पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
  • 2011 में 2G घोटाले की जांच के लिए JPC गठित की गई थी. भले ही मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम को क्लीन चिट मिली मगर 2014 का चुनाव कांग्रेस हार गई
  • 2013 के VVIP हेलीकाप्टर घोटाले की जांच हुई थी.

JPC जांच क्या है, कैसे होती है?

JPC का मतलब जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी, यानी सांसदों की मिली-जुली कमेटी। भारत की संसद में दो तरह की कमेटियों का रिवाज है- स्थायी कमेटी और अस्थायी कमेटी।

स्थाई कमेटी को पर्मानेंट अकाउंट कमेटी यानी PAC कहते है. यह सरकार के वित्तीय कार्यों की निगरानी करती है.

देश में होने वाले बड़े घोटाले पर सांसदों की मिली जुली कमेटी बनाई जाती है जिसे JPC कहते हैं. चूंकि केंद्र में बीजेपी के पास बहुमत है इसी लिए जांच कराने और ना कराने का फैसला सरकार के हाथ में है. JPC को ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है.

विपक्ष अडानी के खिलाफ Hindenburg में छपी रिपोर्ट को सच मान रहा है और इसे घोटाला करार देकर JPC की मांग कर रहा है. लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है.


Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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