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क्या है H3N2 इन्फ्लूएंजा? जो कोरोना की तरह फ़ैल रहा, AIIMS के पूर्व निदेशक ने सावधानी बरतने की नसीहत दी है

क्या है H3N2 इन्फ्लूएंजा? जो कोरोना की तरह फ़ैल रहा, AIIMS के पूर्व निदेशक ने सावधानी बरतने की नसीहत दी है
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What is H3N2 Influenza: AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ गुलेरिया ने कहा है कि H3N2 Influenza से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी है

H3N2 Influenza Kya Hai: AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने देश के लोगों को मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने की नसीहत दी है. यह एडवाइस कोरोना के लिए नहीं बल्कि Corona Virus की तरह फैलने वाले दूसरे वायरस H3N2 इन्फ्लुएंजा के लिए है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सोमवार को हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ H3N2 Influenza के बढ़ते मामलों को लेकर मीटिंग की थी.

एक्सपर्ट्स का मामला है कि भारत में कोरोना के मामले तो कम हुए मगर फ्लू के केस बढ़ने लगे हैं. यह फ्लू कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए बहुत घातक है. इसी लिए मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाने और बार बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है.

देश में बढ़ रहे H3N2 Influenza के केस

H3N2 Influenza Cases In India: भारत में H3N2 Influenza के मामले बढ़ रहे हैं. दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में रोज़ाना इससे जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. कोरोना से जूझने के बाद अब H3N2 Influenza नए डर का कारण बन गया है क्योंकि यह उसी तरह फैलता है जैसे Covid-18 .

क्या है H3N2 Influenza

  • WHO के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस चार टाइप- A, B, C और D का होता है. इनमें A और B टाइप से मौसमी फ्लू फैलता है..
  • इन्फ्लूएंजा A टाइप को महामारी का कारण माना जाता है. इन्फ्लूएंजा टाइप A के दो सबटाइप होते हैं. एक होता है H3N2 और दूसरा- H1N1.
  • इनफ्लूएंजा टाइप B के सबटाइप नहीं होते, लेकिन इसके लाइनेज हो सकते हैं. टाइप को बेहद हल्का माना जाता है और खतरनाक नहीं होता. जबकि, टाइप D मवेशियों में फैलता है.
  • ICMR के मुताबिक, कुछ महीनों में कोविड के मामले कम हुए हैं, लेकिन H3N2 के मामले में बढ़ोतरी हुई है. सर्विलांस डेटा बताता है कि 15 दिसंबर के बाद से H3N2 के मामले बढ़े हैं.
  • ICMR ने बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पेरिटरी इन्फेक्शन (SARI) से पीड़ित आधे से ज्यादा लोग H3N2 से संक्रमित मिले हैं.

H3N2 Influenza के लक्षण

WHO के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने पर बुखार, सूखी खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, गले में खराश और नाक बहने जैसे लक्षण नजर आते हैं.

ज्यादातर लोगों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन खांसी ठीक होने में दो या उससे ज्यादा हफ्ते का समय लग जाता है.

H3N2 Influenza से कैसे बचाव करें

पहली कोशिश तो वही करिये जो कोरोना के वक़्त आपने की थी. यानी मास्क पहनना, बार बार हाथ साफ़ करना, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखना, नाक-मुंह को न छूना, खुद को हाइड्रेट रखना

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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