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भारत में कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें हक है: तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन

भारत में कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें हक है: तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन
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तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन

तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि भारत और किसी भी देश के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हमें हक है.

अफगानिस्तान में कब्जा करने के बाद तालिबान अब दूसरे मुल्कों के साथ मैत्री का हांथ बढ़ा रहा है. तालिबान चाहता है की उसकी सत्ता को दुनिया के देश मान्यता दें. लेकिन तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन (Taliban spokesman Suhail Shaheen) ने कश्मीर (Kashmir) के संबंध में कहा है की 'भारत में कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का हक हमें है.'

तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बीबीसी को ज़ूम में दिए एक इंटरव्यू के दौरान कही है. सुहैल दोहा से लाइव हुए थें. उन्होंने अमेरिका के साथ दोहा समझौते में बात करते हुए कहा कि किसी भी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाना तालिबान का हिस्सा और रणनीति नहीं है.

दोहा से बात करते हुए शाहीन ने कहा, "एक मुसलमान के तौर पर, भारत के कश्मीर में या किसी और देश में मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाने का अधिकार हमारे पास है." शाहीन ने कहा की, हम आवाज उठाएंगे और और कहेंगे की मुसलमान आपके साथ हैं. आपके क़ानून के मुताबिक़ वो समान हैं.

इसके पहले तालिबान कई बार कह चुका है की वह भारत और पकिस्तान के विवाद के बीच किसी भी तरह का दखल नहीं देगा, कश्मीर भी उसकी रणनीति का हिस्सा नहीं है और न ही वह कश्मीर में किसी भी तरह की दखलंदाजी करेगा.

बता दें भारत की मोदी सरकार ने 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Jammu & Kashmir Article 370) को ख़त्म कर दिया था. इसके बाद से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सदमे में है और तबसे लगातार वह भारत को किसी न किसी मुद्दे में घेरने की कोशिश कर रहा है. लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पाकिस्तान को सिर्फ मायूसी ही हाथ लग रही है.

अब पाकिस्तान समर्थित तालिबान का कब्जा अफगानिस्तान में होने के बाद पाक उम्मीद लगाकर बैठा हुआ है की कश्मीर पर उसकी जीत होगी. इसलिए अफगान में तालिबान का कब्जा होने के बाद लगातार अनाप शनाप बयानबाजी कर रहा है.

हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पार्टी पीटीआई के नेता नीलम इरशाद शेख ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था की पाकिस्तान ने तालिबान की हमेशा मदद की है, अफगानिस्तान की सत्ता उसे सौंपने में भी भरपूर मदद हमने की है. अब तालिबान हमारी मदद करेगा और कश्मीर जीतकर पाकिस्तान को सौपेगा.

अफगानिस्तान में कब्जा के बाद पहली बार भारत और तालिबान के बीच दोहा में अधिकारी बैठक हुई. बैठक की जानकारी देते हुए शेर मोहम्मद अब्बास स्तनिकज़ई ने बताया की भारत ने कहा है कि "अफ़ग़ानिस्तान की मिट्टी का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों या किसी तरह से आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए."


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