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Vijay Diwas 2021: 16 दिसंबर को मनाया जाता है विजय दिवस, जानिए इस दिन का महत्व

Vijay Diwas 2021: 16 दिसंबर को मनाया जाता है विजय दिवस, जानिए इस दिन का महत्व
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Vijay Diwas 16 December History, Importance and Significance: हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है विजय दिवस।

Vijay Diwas 16 December History, Importance and Significance: हमारे देश भारत में कई अद्भुत और वीर सैनिकों ने जन्म लिया है, जिनके विजय की गाथाएं शायद हमेशा सुनाई जाती रहेंगी। 26 जुलाई को जहां भारत में 'कारगिल विजय दिवस' (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है वही क्या आप जानते हैं 16 दिसंबर (16 December) को भारत में कौन सा 'विजय दिवस' (Vijay Diwas) मनाया जाता है? जी हां! 16 दिसंबर को भी भारत में 'विजय दिवस' (Vijay Diwas) मनाया जाता है और यह विजय दिवस किस लिए मनाया जाता है, यह हम आपको बताएंगे इस आर्टिकल में! तो बने रहे हमारे साथ पोस्ट के आखरी तक:

16 दिसम्बर का इतिहास (Vijay diwas 16 december history)


बात 1971 की है जब भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) की सेना के बीच सैन्य संघर्ष चल रहा था। और हमेशा की तरह इस संघर्ष की शुरुआत हुई थी तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की तरफ से। पाकिस्तान की तरफ से 3 दिसंबर, 1971 में भारतीय वायुसेना के तत्कालीन ग्यारह स्टेशनों पर रिक्तिपूर्व हवाई हमले किए गए थे. इन हमलों का परिणाम यह हुआ कि भारतीय सेना पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली राष्ट्रवादी गुटो का बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम में समर्थन करने को राजी हो गई।

युद्ध के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Vijay Diwas important facts)


दिन था 16 दिसम्बर और वर्ष था 1971 भारत-पाक (Indo-pak) के बीच घमासान युद्ध चल रहा था जिसमें पाकिस्तानी सेना की हार हुई। आपको बता दें कि 16 दिसंबर 1971 को ही ढाका में कुल 93000 पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया था। ऐसा नहीं था कि इस युद्ध में भारत को कोई नुक्सान नहीं हुआ, 12 दिनों के इस युद्ध में बहुत से भारतीय जवान शहीद वीर गति को प्राप्त हुए।

आपको बता दें कि बांग्लादेश में हुआ यह समर्पण दुनिया के इतिहास में दो सबसे बड़े समर्पण में से एक था। पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व कर रहे ले. जनरल एके नियाज़ी ने अपनी सम्पूर्ण सेना(93000 सैनिकों) के साथ भारत के कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोरा के सामने आत्मसर्पण किया और अपनी हार स्वीकार करी।

पहले निकाली जाती थी प्रभात फेरियां


जब पाकिस्तान पर मिली यह जीत इतनी बड़ी थी कि पहले 16 दिसंबर को पूरे भारत में प्रभातफेरियां निकाली जाती थीं, इतना ही नहीं पूरे देश में जश्न मनाया जाता था। लेकिन अब समय बदल चुका है, अब न कोई जश्न मनाया जाता है न ही प्रभातफेरीया निकाली जाती है।

ये हैं विजय दिवस के प्रमुख नायक (Vijay Diwas Heroes)


● सेनाध्यक्ष सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ (Chief of the Army Staff Sam Hormusji Framji Jamshedji Manekshaw) जिनके नेतृत्व में युद्ध की शुरुआत हुई।

● विजय दिवस के प्रमुख नायकों में शामिल है;कमांडर ले. जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा (Commander Lt. General Jagjit Singh Aurora) जिनके समक्ष पाकिस्तानी सेना ने हार मानी.

● मेजर होशियार सिंह (Hoshiar Singh Dahiya) जिन्हें उनके अद्भुत प्रक्रम के लिए याद किया जाता है, इन्हे परमवीर चक्र भी दिया गया।

● लांस नायक अलबर्ट एक्का (Lance Naik Albert Ekka) जिन्हें उनके प्रक्रम के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र का सम्मान दिया गया।

ऐसे बहुत से सैनिक थे जिनकी वीरता के कारण आज भी 16 दिसंबर विजय दिवस के रूप में याद किया जाता है और याद किया जाता रहेगा।

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